Aanvale Ke Kheti : इस समय सर्दी का मौसम चल रहा है। इस मौसम में बाजार में आंवलें की आवक शुरू हो जाती है। आंवले से अचार, मुरब्बा, ज्यूस, कैंडी आदि उत्पाद बनाए जाते हैं। आयुर्वेदिक दवाओं के रूप में भी आंवले का इस्तेमाल काफी किया जाता है। जैसे- आंवले का चूर्ण, च्यवनप्राश, तेल, साबुन आदि में इसे इस्तेमाल किया जाता है। बालों को मुलायम और काला रखने के लिए आंवले का इस्तेमाल रीठा के साथ किया जाता है।

Aanvale Ke Kheti
Aanvale Ke Kheti वहीं आंखों की रोशनी के लिए भी इसका सेवन अच्छा माना जाता है। आंवले के गुणों के कारण ही इसकी बाजार मांग भी काफी है। आंवले ताजा हो या सूखा दोनों रूपों में इसका इस्तेमाल सेहत के लिए लाभकारी होता है। यदि किसान इसकी सही तरीके से खेती करें तो इससे अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। पंतजलि, डाबर, बैधनाथ जैसी आयुर्वेदिक कंपनियां इसकी खरीद करती है। वहीं बाजार में भी इसके अच्छे भाव मिल जाते हैं।
Aanvale Ke Kheti इस तरह इसकी खेती करके किसान काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं। आंवले के पेड़ की खास बात ये हैँ कि इसे एक बार लगाने के बाद ये 55 साल तक फल देता है यानि आप 55 साल तक इसके पेड़ से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको आंवले की खेती करने का सही तरीका और अधिक उत्पादन के लिए जरूरी बातों की जानकारी दे रहे हैं।
Aanvale Ke Khet: आंवले में पाएं जाने वाले पोषक तत्व
Aanvale Ke Khet आंवले में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी, आयरन और कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, कार्बोहाइडेड और फास्फोरस पाया जाता है। आंवले के सेवन से कई प्रकार की बीमारियों से बचाव होता है। आंवले के सेवन से एनीमिया की समस्या दूर होती है।
यह आयरन की कमी को दूर करता है। इसे इम्यूनिटी क्षमता बढ़ाने के लिए भी उपयोग किया जाता है। ये आंखों, बालों, त्वचा और हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है।

कब करें आंवले की खेती
वैसे तो आंवले की खेती जुलाई से सितंबर के महीने में की जाती है। लेकिन इसकी खेती जनवरी से फरवरी महीने में भी की जा सकती है।
आंवले की खेती के लिए कैसे होनी चाहिए मिट्टी
Aanvale Ke Khet आंवले की खेती हर प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। बस इसके लिए जलभराव वाली मिट्टी नहीं होनी चाहिए। यदि खेत में जलनिकासी की व्यवस्था नहीं है तो इसकी खेती नहीं करें, क्योंकि जल की अधिकता से इसके पौधे नष्ट हो जाते हैं। इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5-9.5 होना चाहिए।
Aanvale Ke Khet आंवले की कौनसी है उन्नत किस्में
आंवले की उन्नत किस्मों की ही बुवाई करनी चाहिए ताकि फलों का आकार बड़ा प्राप्त हो। आंवले की उन्नत किस्मों में बनारसी, चकईया, फ्रान्सिस, कृष्णा (एन ए- 5),नरेन्द्र- 9 (एन ए- 9),कंचन (एन ए- 4),नरेन्द्र- 7 (एन ए- 7),नरेन्द्र- 10 (एन ए-10) किस्में प्रमुख है। आप अपनी सुविधा और क्षेत्रीय जलवायु के हिसाब से किस्म का चयन कर सकते हैं।
आंवले की बुवाई का क्या है सही तरीका
Aanvale Ke Kheti आंवले की खेती के लिए सबसे पहले गड़ढे तैयार किए जाते हैं। गड्ढों की खुदाई 10 फीट x 10 फीट या 10 फीट x 15 फीट पर करनी चाहिए। पौधा लगाने के लिए 1 घन मीटर आकर के गड्ढे खोद लेना चाहिए। इसके बाद गड्ढों को 15 से 20 दिन के लिए खुला छोड़ देना चाहिए ताकि इसमें धूप लग सकें जिससे हानिकारक जीवाणु धूप के संपर्क में आकर नष्ट हो जाएं। इसके बाद प्रत्येक गड्ढे में 20 किलोग्राम नीम की खली और 500 ग्राम ट्राइकोडर्मा पाउडर मिला देना चाहिए।
Aanvale Ke Kheti गड्ढों को भरते समय 70 से 125 ग्राम क्लोरोपाईरीफास डस्ट भी भर देनी चाहिए। मई में इन गड्ढों में पानी भर देना चाहिए। वहीं गड्ढे भराई के 15 से 20 दिन बाद ही पौधे का रोपण किया जाना चाहिए।
Aanvale Ke Khet आंवले की खेती में कितनी रखें खाद व उर्वरक की मात्रा
Aanvale Ke Khet खेत की तैयारी के समय मिट्टी में 10 किलो रूड़ी की खाद अच्छी तरह मिला देनी चाहिए। खेत में नाइट्रोजन 100 ग्राम, फासफोरस 50 ग्राम और पोटेशियम 100 ग्राम प्रति पौधा इस्तेमाल करना चाहिए। यह खाद एक वर्ष के पौधे को डालें और 10 साल तक खाद की मात्रा बढ़ते रहें। फासफोरस की पूरी और पोटाशियम और नाइट्रोजन आधी मात्रा को जनवरी-फरवरी में शुरूआती खुराक के तौर पर डालें।
बाकी की मात्रा अगस्त के महीने में डालनी चाहिए। बोरोन और ज़िंक सल्फेट 100-150 ग्राम, सोडियम की ज्यादा मात्रा वाली मिटटी में पौधे की आयु और सेहत के अनुसार डालनी चाहिए।
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आंवले की खेती में कब करें सिंचाई
Aanvale Ke Khet आंवले के पौधे को कम सिंचाई की आवश्यकता होती है। इसके पौधे को बारिश और शरद ऋतु में सिंचाई की आवश्यक
Aanvale Ke Kheti लेकिन गर्मियों में नए स्थापित बागों में 10-15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है। सिंचाई के लिए खारे पानी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। फल देने वाले बागानों में पहली सिंचाई खाद देने के तुरन्त बाद जनवरी-फरवरी में देनी चाहिए। फूल आने के समय (मध्य मार्च से मध्य अप्रैल तक) सिंचाई नहीं करनी चाहिए।
अधिक मुनाफे के लिए आंवले के साथ कर सकते हैं इन फसलों की खेती
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Aanvale Ke Khet आंवले के साथ आप इसके सहयोगी फसलों की बुवाई कर सकते हैं। इसमें आपको इसके साथ ऐसी फसलें लगानी चाहिए जिन्हें कम पानी की आवश्यकता होती है। ऐसे में आंवले के साथ निम्नलिखित फसलों को लगाकर आप इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। ये इस प्रकार से हैं-
- आंवला के साथ बेर और मोठ या मूंग लगा सकते हैं।
- आंवला के साथ अमरुद और उरद लगाई जा सकती है।
- आंवला के साथ बेर और फालसा (तीन पंक्ति खेती) की खेती की जा सकती है।
- आंवला के साथ ढ़ैचा और गेहूं या जौ की खेती की जा सकती हैl
- आँवला के साथ ढ़ैचा और प्याज/लहसुन और मेथी या बैंगन लगाया जा सकता है।
- आंवला के ढैचा और जर्मन चमोमिल लगाया जा सकता है।
Aanvale Ke Khet इसके अलावा तुलसी, कालमेघ, सतावर, सर्पगंधा एवं अश्वगंधा की सह फसली खेती के भी अच्छे नतीजे प्राप्त हुए हैं। कुछ फसलें, जैसे धान एवं बरसीम है। इन्हें अधिक पानी की आवश्यकता होती है, इसलिए आंवला के साथ इस प्रकार की फसलें जो अधिक पानी चाहने वाली हो, उन्हें सह फसली फसलों के रूप में इसके साथ नहीं लगाना चाहिए।
Aanvale Ke Khet: आंवले की खेती से कितना हो सकता है लाभ
आंवले की खेती से किसान काफी अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। आंवले की रोपाई के बाद उसका पौधा 4-5 साल में फल देने लगता है। 8-9 साल के बाद एक पेड़़ हर साल औसतन 1 क्विंटल फल देता है। बाजार में आंवले का फल प्रति किलो 15-20 रुपए में बिक जाता है।
इस हिसाब से देखा जाएं तो किसान इसके एक पेड़़ से हर साल 1500 से 2000 रुपए की कमाई कर सकते हैं। यदि किसान इसके 400 पौधे लगाते हैं तो उनसे हर साल 6 से 8 लाख रुपए की कमाई कर सकते हैं।