Akshaya Tritiya: इस दुर्लभ तिथि पर कोई भी कार्य करने से मिलता है अक्षय फल, जाने कब और किस दिन करे ये काम अगर आप भी किसी अच्छे काम की शुरुवात करना चाहते है तो कुछ दिन और ठहर जाये।
Akshaya Tritiya: क्योकि बैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि एक ऐसी दुर्लभ तिथि है की उस दिन आप को आप जो भी अच्छे कर्म या काम करेंगे, उसका पुण्य अक्षय मतलब कभी ख़त्म नहीं होने वाला. अक्षय होने के गुणों के कारण ही इस तिथि को अक्षय तृतीया भी कहते हैं. कुछ क्षेत्रों में इस तिथि को आखातीज के नाम से भी पुकारा जाता है.
इस दिन शुभ कार्य करने से अक्षय पुण्य मिलता है

Akshaya Tritiya: धार्मिक हिन्दू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन आप जो भी अच्छे कार्य करते है, आपको उसका अक्षय फल प्राप्त होता है. इस दिन सर्वसिद्धि योग रहता है कोई भी सुबह काम इस दिन बिना मुहूर्त के किया जा सकता है।
Akshaya Tritiya: पुराण कहते हैं कि इस दिन पितरों के निमित्त किया गया तर्पण और किसी भी प्रकार का दान भी अक्षय फल प्रदान करता है. यदि यह पर्व सोमवार या रोहिणी नक्षत्र के दिन पड़े तो इसका फल और भी कई गुना अधिक बढ़ जाता है.
Akshaya Tritiya: इस दुर्लभ तिथि पर कोई भी कार्य करने से मिलता है अक्षय फल, जाने किस दिन करे ये काम
अक्षय तृतीया से हुआ था सतयुग का प्रारम्भ
Akshaya Tritiya: आपको बता दे की अक्षय तृतीया के दिन ही सतयुग और त्रेतायुग का प्रारंभ हुआ था. माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान नर नारायण, परशुराम और हैग्रीव ने अवतार लिया था.
Akshaya Tritiya: इसके अलावा ब्रह्मा जी के मानस पुत्र अक्षय कुमार का जन्म भी इसी दिन हुआ था. इसी दिन महाभारत के युद्ध में कौरवों और पांडव पक्ष के लाखों वीरों की मृत्यु हुई थी.और इसके बाद यह युद्ध समाप्त हो गया था.

इस दिन नया कारोबार खोलने से मिलता है दुगना फल
Akshaya Tritiya: द्वापर युग का समापन भी इसी दिन हुआ था. इतना ही नहीं इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर के पूछने पर बताया था कि आज के दिन जो भी नवीन रचना या कोई सांसारिक कार्य करेंगे, उसका पुण्य अवश्य ही होगा, इसलिए इस दिन लोग अपनी दुकान या कारखाने का उद्घाटन, मकान का भूमि पूजन आदि स्थायी रूप से फल देने वाले कार्य करते हैं.