मुश्किल दौर से गुजर रही कांग्रेस 20 सालों में पहली बार अध्यक्ष पद पर चुनाव कराने जा रही है। चर्चाएं हैं कि जी-23 के नेता शशि थरूर नामांकन दाखिल कर सकते हैं और उनका मुकाबला गांधी परिवार के भरोसेमंद अशोक गहलोत से होगा।

लेकिन Ashok Gehlot इस मुकाबले के लिए तैयार नहीं बताए जा रहे। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि वह अब भी राहुल गांधी को मनाने की कोशिश में जुटे हैं कि वह पार्टी अध्यक्ष बनने पर सहमत हो जाएं।
26 तारीख को नामांकन दाखिल कर सकते हैं। अध्यक्ष पद पर चुनाव 17 अक्टूबर को होना है और उससे पहले Ashok Gehlot हर कोशिश कर रहे हैं कि राहुल गांधी ही अध्यक्ष बनने को राजी हो जाएं।

यदि राहुल गांधी मान-मनौव्वल के बाद भी अध्यक्ष बनने को राजी नहीं होते हैं तो फिर अशोक गहलोत पर्चा भर सकते हैं। दरअसल अशोक गहलोत को लेकर कहा जा रहा है कि उनकी चिंता अध्यक्ष बनने से ज्यादा सीएम की कुर्सी को लेकर है।
Ashok Gehlot को लगता है कि यदि वह अध्यक्ष बनने निकलते हैं तो राज्य में अस्थिरता पैदा होगी और भाजपा ऑपरेशन लोटस चला सकती है। इसके अलावा उन्हें इस बात की भी चिंता है कि प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट को सीएम पद मिल सकता है। सोमवार को पायलट दिल्ली भी आए थे। इन पूरे घटनाक्रमों ने अशोक गहलोत की चिंता को बढ़ा दिया है।
सोमवार को सचिन पायलट के दिल्ली आने से इस बात की चर्चाएं तेज हो गई थीं कि उन्हें सीएम पद मिल सकता है, जिसके लिए वह बरसों से इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अशोक गहलोत चाहते हैं कि उनका मातहत नेता ही सीएम पद संभाले। इससे वह राजस्थान में भी अपनी पकड़ बनाए रख सकेंगे।
Ashok Gehlot को अध्यक्ष से ज्यादा CM पद की चिंता
यदि ऐसा नहीं हो पाता है तो फिर वह कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनते हुए सीएम पद भी संभालने की बात हाईकमान से कर सकते हैं। वहीं राजस्थान में कांग्रेस का एक वर्ग चाहता है कि सचिन पायलट को सीएम के तौर पर एक मौका मिलना चाहिए।
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