Adani Group ने स्वीडिश एयरोस्पेस एवं डिफेंस कंपनी Saab के साथ एक समझौता किया था, जिसके तहत दोनों को भारत में Gripen E फाइटर एयरक्राफ्ट बनाने थे. इस डील को लेकर अब एक बड़ा अपडेट सामने आया है. Saab ने डील को कैंसिल कर दिया है. कंपनी का कहना है कि अब वो इस डील के साथ आगे बढ़ना नहीं चाहती. Saab के इस फैसले को अडानी समूह के लिए झटका माना जा रहा है.
Adani Group: 2017 में हुई थी डील
‘Saab India’ के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मैट्स पामबर्ग ने कहा कि हमने अडानी समूह के साथ डील को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है. Saab और Adani Group ने 31 अगस्त, 2017 को अपनी साझेदारी की घोषणा की थी. दोनों की तरफ से कहा गया था कि यदि Saab को ग्रिपेन ई फाइटर जेट्स की आपूर्ति के लिए फॉरेन पार्टनर के रूप में चुना गया, तो दोनों के बीच समझौता प्रभावी होगा.
7 कंपनियां दौड़ में
Saab उन सात वैश्विक एयरोस्पेस कंपनियों में शामिल है, जो भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए 114 मध्यम मल्टीरोल लड़ाकू विमानों के लिए 60,000-70,000 करोड़ रुपए से अधिक का टेंडर हासिल करने की दौड़ में हैं. अब सवाल ये है कि कंपनी भारत में किसके साथ डील करेगी? इसके जवाब में कंपनी ने कहा कि ये फाइटर जेट अब उस कंपनी में मैन्युफैक्चर होंगे, जिसमें Saab की 74 फीसदी हिस्सेदारी होगी. Saab के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने कंपनी को मैन्युफैक्चरिंग एंटिटी में 74 फीसदी हिस्सेदारी की इजाजत दे दी है. यानी कंपनी ने अब खुद ही इस फाइटर जेट की मैन्युफैक्चरिंग का मन बना लिया है.
मूल्यांकन कर रहा मंत्रालय
Adani Group वहीं, रक्षा मंत्रालय ने सूचना के लिए एक अनुरोध जारी किया है और माना जा रहा है कि वह ओरिजनल इक्विपमेंट बनाने वालों का मूल्यांकन कर रही है. इसके बाद फैसला लिया जाएगा कि फाइटर एयरक्राफ्ट बनाने का काम किसे दिया जाए. गौरतलब है कि इंडियन एयरफोर्स के पास विमानों की कमी है, जिसकी वजह से 114 नए एयरक्राफ्ट का ऑर्डर दिया गया है.