Chanakya Niti: व्यवहार को व्यक्ति का आभूषण माना जाता है। व्यवहार न केवल व्यक्तित्व का ज्ञान देता है बल्कि इसे व्यक्ति के ज्ञान और सीमाओं का पूर्ण चित्रण भी माना जाता है। आचार्य चाणक्य Acharya Chanakya ने इस विषय पर कई नीतियां भी बनाई थीं। आपको बता दें कि आचार्य कौटिल्य द्वारा रचित चाणक्य नीति को ज्ञान का भंडार माना जाता है। आचार्य ने कई विषयों पर महत्वपूर्ण नीतियां बनाई थीं, जिनका लाभ आज भी अनगिनत युवा उठा रहे हैं। आचार्य चाणक्य Chanakya Niti ने व्यवहार को जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग माना है।
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Chanakya Niti: संकट के समय बुद्धि से लें काम
चाणक्य नीति के इस श्लोक में बताया गया है कि मुसीबतों और आपत्तियों से तभी तक डरना चाहिए, जब तक वे दूर हैं और कोई नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं। लेकिन जिस समय संकट सिर पर मंडराने लगे, उस समय बिना किसी संदेह के और पूरी ताकत से हमला करना चाहिए। साथ ही इन्हें दूर रखने का उपाय भी खोजा जाना चाहिए। यह व्यवहार व्यक्ति के लिए संकट के समय सबसे उपयोगी माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि संकट के समय में भयभीत होने वालों पर विपदाएं अधिक हावी हो जाती हैं।
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व्यवहार से होता है कुल का ज्ञान
आचार्य चाणक्य इस श्लोक के माध्यम से बता रहे हैं कि व्यक्ति का आचरण उसके परिवार का परिचय देता है। उनके भाषण से देश का पता चलता है। प्रेम का ज्ञान आदर से प्राप्त होता है और शरीर को देखने से उसके आहार का पता चलता है। इसलिए किसी भी देश में रहते हुए अपने आचरण को मधुर और नेक रखना चाहिए। साथ ही उसे दूसरों के प्रति भी सम्मान रखना चाहिए। यह एक सभ्य व्यक्ति की पहचान है और इससे उसके कुल और परिवेश का पता चलता है।