Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य एक बहुत बड़े नीतिकार थे। इसके साथ-साथ एक सलाहकार और अर्थशास्त्री भी थे। आचार्य चाणक्य की नीतियां पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। आचार्य के ज्ञान और नीतियों से राजा महाराजा अपने प्रजा पर राज किया करते थे। आज के भी समय में आचार्य लोगों के लिए प्रेरणादायक हैं।
आचार्य चाणक्य महिला एवं पुरुष और पति-पत्नी के संबंधों पर भी वर्णन किया है। इसके अलावा इनके व्यक्तित्व और स्वभाव को भी अपनी नीति में उल्लेख किया है। इसके साथ आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इन 3 चीजों से व्यक्ति को हमेशा संतोष रखना चाहिए। इससे उनके जीवन में कभी कोई परेशानी नहीं आती है। तो आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य नीति के सातवें अध्याय में क्या कहते हैं।

Chanakya Niti
1. पत्नी के प्रति रहें संतुष्ट
Chanakya Niti आचार्य चाणक्य कहते हैं पत्नी के प्रति व्यक्ति को हमेशा संतुष्ट रहना चाहिए। वरना जीवन भर परेशानी झेलनी पड़ेगी। कहा जाता है व्यक्ति के जीवन में पत्नी ऐसी महिला होता है जिसके साथ पूरी जिंदगी लोग सुख दुख बांटते है। इनके प्रति कभी भी पुरुष को असंतुष्ट नहीं रहना चाहिए और अन्य स्त्री के साथ संबंध नहीं बनाना चाहिए। इससे वो पति-पत्नी के रिश्ते को अपमानित करता है।
2. भोजन से रहें संतुष्ट
Chanakya Niti आचार्य चाणक्य कहते हैं व्यक्ति को हमेशा प्राप्त हुए भोजन से संतुष्ट रहना चाहिए। आपके घर की जितनी भी आय है आपको उसी के आधार पर भोजन प्राप्त होगा। इसलिए कभी भी भोजन से असंतुष्ट नहीं होना चाहिए। मां अन्नपूर्णा की कृपा से ही व्यक्ति को भोजन प्राप्त होता है।
3. धन से रहें संतुष्ट
Chanakya Niti आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर जीवन में आगे बढ़ना है और सुकून से जीवन व्यतीत करना है तो कभी भी धन से असंतुष्ट न हों। वरना आप जिंदगी में सिर्फ पैसों के पीछे भागते रहेंगे। इसलिए आपकी जितनी भी आय है उसी के साथ अपने जीवन को जीने की कोशिश करें। इसमें ही आपकी भलाई है।
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Chanakya Niti: इन 2 चीजों के प्रति न रहें संतुष्ट
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1. विद्या का ज्ञान
आचार्य चाणक्य कहते हैं व्यक्ति को कभी भी विद्या से संतुष्ट नहीं होना चाहिए। हमेशा व्यक्ति को विद्या अर्जित करने का उपाय ढूंढनी चाहिए। आपको जितना ज्यादा विद्या को ग्रहण करेंगे उतना ही आपका ज्ञान बढ़ेगा और आप अधिक से अधिक धन भी कमा सकेंगे। इसलिए कभी भी विद्या के ज्ञान से संतुष्ट नहीं होना चाहिए।
2. दान के प्रति न हो संतुष्ट
आचार्य चाणक्य कहते हैं कभी भी दान को लेकर संतुष्ट नहीं होना चाहिए। जितना भी दान पुण्य आप करेंगे उतना ही आपके जीवन में खुशियां आएंगी। इससे आपके जीवन में कभी भी कोई परेशानी नहीं आएगी। इसलिए व्यक्ति को दान पुण्य करने से संतुष्ट नहीं होना चाहिए।
Chanakya Niti
जानें क्या निकलता है इस नीति से निष्कर्ष
आचार्य चाणक्य इस नीति में कहना चाहते हैं कि कभी भी व्यक्ति को इन 3 चीजों से असंतुष्ट नहीं रहना चाहिए। इससे वो अपने जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। वरना रोज रोज घर में कलह की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसलिए बेहतर ढंग से जीवन जीने के लिए आचार्य की कही इन बातों को मनाना बेहद जरूरी है।