Saturday, June 3, 2023
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Death Prediction Test: क्या है डेथ टेस्ट? कैसे इससे की जाएगी किसी भी इंसान की मौत की भविष्यवाणी

 किसी भी इंसान की मौत की भविष्यवाणी की जा सकती है? यह एक ऐसा सवाल है जो हर किसी के जेहन में रहता है. वैज्ञानिक भी इस सवाल का जवाब ढूंढने में लगे हैं. कई रिसर्च में सामने आ चुका है कि अगर किसी इंसान को उसकी मौत के बारे में पहले पता चल जाए तो वह ऐसा काम करने लगता है जिससे वह दुनिया को बदल सके. वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए किसी भी इंसान की मौत को लेकर भविष्यवाणी (Death Prediction Test) की जा सकती है. इस टेस्ट को डेथ टेस्ट कहा जा रहा है. 

Death Prediction Test

Death Prediction Test: क्या है डेथ टेस्ट?

 
Death Prediction Test को सामान्य भाषा में एक तरह का ब्लड टेस्ट कह सकते हैं. इस टेस्ट में किसी भी इंसान के ब्लड से उसे बायोमार्कर की जांच की जाएगी. इसी से तय किया जाएगा कि मरीज की मौत अगले दो से पांच साल के अंदर हो सकती है. यह एक तरह का प्रिटिक्शन टेस्ट होगा. हालांकि यह कितनी सटीक होगा इसे लेकर अभी भी शोध जारी है. इस टेस्ट में सबसे बड़ा रोल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का होगा. हालांकि अभी यह रिसर्च पूरी तरह शुरुआती चरण में हैपहले भी हुई है भविष्यवाणी 


Death Prediction Test ऐसा नहीं है कि मौत की भविष्यवाणी को लेकर पहली बार कोई स्टडी की गई हो. इससे पहले पेंसिल्वेनिया के हेल्थकेयर सिस्टम Geisinger ने भी इस बारे में स्टडी की थी. इस स्टडी में इकोकार्डियोग्राम वीडियो देखकर AI से मौत की पता लगाया गया. इससे मौत का पता एक साल पहली ही लगाया जा सकता है. हालांकि प्रीमैच्योर डेथ के इशारे समझने के लिए यह स्डटी की गई है. स्वाभाविक मौत का इससे पता नहीं लगाया जा सकता है.   

Death Prediction Test
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कौन कर रहा डेथ टेस्ट पर रिसर्च?
इस स्टडी को यूके की नॉटिंघम यूनिवर्सिटी ने किया है. इस रिसर्च के बारे में सारी जानकारी PloS One साइंस जर्नल में दी गई. इस रिसर्च में वैज्ञानिकों को कुछ खास तरह के पैटर्न देखने को मिले. इससे मौत के बारे में भविष्यवाणी की जा सकती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि ये खास तरह के पैटर्न से मौत का पता लगाने में मदद मिलेगी. इस रिसर्च में 40 से 69 साल के एक हजार लोगों को शामिल किया गया. ये सभी लोग लाइफ-स्टाइल बीमारियों जैसे डायबिटीज या ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं के साथ अस्पताल आए. 

पहले भी हुई है भविष्यवाणी 
ऐसा नहीं है कि मौत की भविष्यवाणी को लेकर पहली बार कोई स्टडी की गई हो. इससे पहले पेंसिल्वेनिया के हेल्थकेयर सिस्टम Geisinger ने भी इस बारे में स्टडी की थी. इस स्टडी में इकोकार्डियोग्राम वीडियो देखकर AI से मौत की पता लगाया गया. इससे मौत का पता एक साल पहली ही लगाया जा सकता है. हालांकि प्रीमैच्योर डेथ के इशारे समझने के लिए यह स्डटी की गई है. स्वाभाविक मौत का इससे पता नहीं लगाया जा सकता है.   

आंखें भी बताती हैं मौत 
एक रिसर्च में यह भी सामने आया कि आंखों से भी किसी भी इंसान की मौत का पता लगाया जा सकता है. अगर कोई इंसान दिल की बीमारी से गुजर रहा होता है तो स्टडी में AI रेटिना को स्कैन करता और मौत का अनुमानित समय बताया. आंखों को देखकर इंसान की बायोलॉजिकल उम्र का पता पहले से ही लगता रहा है.  

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