Electric Highway In India:-न्यूज़ पढ़कर हि लगता है की भारत उन्नति कर रहां है तो हांजी आपने सही सुना भारत अब उन्नति के राह पर चल पड़ा है
हमने कभी इलेक्ट्रिक हाईवे का नाम तक नहीं सुना था पर अब हमे हमारे देश में हि इलेक्ट्रिक हाईवे दिखाई देगा.तो जनते है आखिर क्या है ये इलेक्ट्रिक हाईवे?
अपको सबसे पहले बता दे की लेक्ट्रिक हाईवे होता क्या है

इलेक्ट्रिक हाईवे मतलब एक ऐसी सड़क है जिसपर चलने वाली या यात्रा करने वाली वाहनों को बिजली मिलती है अर्थात बिजली आपूर्ति को पूरा करता है. इसमें ओवरहेड बिजली की लाइन के जरिए ऊर्जा की सप्लाई की जाती है. जिसके कारन वहां कभी बिना वजह रुकता नहीं और उनकी चार्जिंग कभी ख़त्म नहीं होंगी और यात्रा बिना रूकावट सफल होगी
अपको बता दे की,सरकार सोलर एनर्जी से चलने वाले इलेक्ट्रिक हाईवेज बनाने पर काम कर रही है। इन हाईवेज पर चलते हुए भारी-भरकम ट्रक और बसें चार्ज हो सकेंगे।
आम हाईवे या एक्सप्रेसवे पक्की सड़कों से बने होते हैं, जिन पर हर तरह की गाड़ियां दौड़ सकती हैं।
वहीं इलेक्ट्रिक हाईवे ऐसे हाईवे होते हैं, जिनमें कुछ इक्विपमेंट्स के जरिए ऐसा सिस्टम होता है, जिससे उनसे गुजरने वाली गाड़ियां बिना रुके ही अपनी बैटरी चार्ज कर सकती हैं। इसके लिए हाईवे पर ओवरहेड वायर या रोड के नीचे से ही इलेक्ट्रिक फ्लो करने का सिस्टम बना होता है।
Electric Highway In India:-इलेक्ट्रिक हाईवे से केवल इलेक्ट्रिक गाड़ियां ही चार्ज हो सकती हैं। इससे पेट्रोल-डीजल वाली गाड़ियां नहीं चार्ज होती। इनसे हाइब्रिड गाड़ियां भी चार्ज हो सकती हैं। हाइब्रिड गाड़ियों में इलेक्ट्रिक के साथ-साथ पेट्रोल-डीजल से चलने की भी सुविधा होती है।
यानी इलेक्ट्रिक हाईवे इलेक्ट्रिक सुविधा से लैस ऐसे हाइवे होते हैं, जहां उनके ऊपर से गुजरती गाड़ियों को चार्ज किया जा सकता है।
जानिए आखिर चलते चलते इलेक्ट्रिक हाईवे पर गाड़ी चार्ज कैसे करती है:–
इलेक्ट्रिक हाईवेज पर गाड़ियों की चार्जिंग के लिए दो तरीकों का इस्तेमाल होता है-
ओवरहेड पावर लाइनयानी रोड के ऊपर लगे इलेक्ट्रिक वायर का इस्तेमाल करके।
रोड के अंदर ही पावर लाइन बिछाकर यानी ग्राउंड लेवल पावर सप्लाई के जरिए।
Electric Highway In India:-
Electric Highway In India:- इसमें रोड के ऊपर इलेक्ट्रिक वायर लगे होते हैं। जब इन वायर के नीचे से हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक गाड़ियां गुजरती हैं, तो गाड़ियों के ऊपर लगे पैंटोग्राफ इन वायर के संपर्क में आ जाते हैं। इससे करेंट का फ्लो वायर से उस गाड़ी में होने लगता है और उसकी बैटरी चार्ज हो जाती है। जब तक गाड़ी इन तारों के संपर्क में रहती हैं, तब तक उनकी बैटरी चार्ज होती रहती हैं।
किसी दूसरी तरफ मुड़ने यानी वायर से संपर्क टूटने के बाद गाड़ी वापस से डीजल या पेट्रोल इंजन मोड में आ जाती है। यानी इलेक्ट्रिक बैटरी की जगह पेट्रोल-डीजल से चलने लगती है।
इन हाईवेज से चार्ज इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड गाड़ियां ही होती हैं। हाइब्रिड यानी इलेक्ट्रिक और डीजल-पेट्रोल दोनों से चलने वाली गाड़ियां।
Electric Highway In India:- इलेक्ट्रिक हाईवे पर इस टेक्नीक से भारी-भरकम ट्रकों या बसों को ही चार्ज किया जा सकता है।
‘रोड के नीचे लगाए गए इलेक्ट्रिक केबल और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक ट्रांसमीटर्स से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड पैदा होता है। इस एनर्जी को उस रोड से गुजरती गाड़ी के अंदर लगा एक खास कॉइल खींचता है, इस एनर्जी का इस्तेमाल बैटरी को चार्ज करने के लिए किया जाता है, जो कार की रेंज को बढ़ा देते हैं।’ तो इस तरह गाड़िया चार्ज होती है
वायरलेस चार्जिंग: ये भी ग्राउंड लेवल पावर सप्लाई टेक्नीक है, यानी रोड से चार्जिंग। बस इसमें गाड़ियों को चार्ज करने में वायरलेस चार्जिंग यानी इंडक्टिव चार्जिंग का इस्तेमाल होता है। इस तरह की टेक्नीक में गाड़ियां चार्जिंग के लिए कॉइल की जगह सेंसर के जरिए ही रोड पर लगे चार्जिंग पॉइंट के संपर्क में आने पर चार्ज हो जाती हैं। इसका एक उदाहरण मोबाइल फोन की वायरलेस चार्जिंग है।
Electric Highway In India:- ग्राउंड लेवल पावर सप्लाई टेक्नीक से न केवल ट्रक और बस बल्कि कार समेत कोई भी गाड़ी चार्ज हो सकती है। खास बात ये है कि ग्राउंड लेवल पावर की टेक्नीक ओवर हेड पावर टेक्नीक से सस्ती होती है।
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