Fertilizer New Rate: किसानो के लिए खाद के नए रेट हुए जारी, अब इस रेट में बिकेगी फ़र्टिलाइज़र की बोरिया, देखे नए रेट, खेती करने के लिए किसान भाइयों को खाद का इस्तेमाल करना पड़ता है. लेकिन इसके साथ ही किसान भाईयों को खाद के दामों को भी जानना चाहिए जिससे उन्हें कोई भी ठग न सके. ऐसे में चलिए इसके ताजा रेट के बारे में जानते हैं.

Fertilizer New Rate: आज की आधुनिक खेती में किसानों की फसलों के लिए सबसे जरूरी चीज खाद है. जी हां, वर्तमान समय के इस दौर में बिना खाद के फसल अच्छी तरह नहीं फलती-फूलती है, इसलिए खाद फसल बोवनी और बोवनी के बाद छिड़काव करने के लिए अति आवश्यक होता है. इसलिए किसान अधिक उत्पादन के लिए अपनी फसलों में खाद का इस्तेमाल करते हैं. अगर किसान फसल में खाद नहीं डालेंगे तो उनकी उपज भी अच्छी तरह नहीं होती है. ऐसे में अब खाद की महत्वता अधिक हो गई है. इसलिए हम आपको इस लेख के जरिए खाद के नए दाम के बारे में जानकारी देनें जा रहे हैं.
Fertilizer New Rate: किसानो के लिए इस रेट में बिकेगी फ़र्टिलाइज़र की बोरिया पढ़िए पूरी खबर
Fertilizer New Rate: जहां देश में दिन पर दिन महंगाई की मार आम लोगों पर पड़ रही है तो वहीं अब महंगाई की मार देश के अन्नदाता किसान भाइयों पर भी पड़ी है. दरअसल, अंतराष्ट्रीय स्तर पर रासायनिक उर्वरकों की कीमतों में वृद्धि देखने को मिली है. खबरों की मानें तो केंद्र सरकार द्वारा डीएपी और यूरिया उर्वरकों के दाम में काफी इजाफा किया गया है. आइये जानते है आज का ताजा रेट…
बिना सब्सिडी के इस तरह है नए रेट
- यूरिया खाद 45kg की बोरी की नई कीमत 2450 रुपए
- DAP खाद 50kg की बोरी की नई कीमत 4073 रुपए
- NPK खाद 50kg की बोरी की नई कीमत 3291 रुपए
सब्सिडी के साथ इस तरह है नए रेट
- अगर कोई किसान डीएपी खाद की 45 किलोग्राम की बोरी खरीदता है तो उसे सब्सिडी के साथ 266 रुपये देने होंगे.
- वहीं अगर कोई किसान DAP खाद की 50 किलोग्राम की बोरी खरीदता है तो उसे सब्सिडी के साथ ये बोरी 350 रुपए में मिल जायेगी.
- NPK खाद प्रति 50 किलोग्राम किसानों को सब्सिडी के साथ 1470 रुपए में दिया जायेगा.

किसानों को यूरिया खाद की अधिक आवश्यकता
Fertilizer New Rate: आपको यहां जानकारी के लिए बता दें कि किसानों के फसल बुवाई के लिए डीएपी खाद की आवश्यकता पड़ती है जबकि फसल बुवाई के बाद किसानों को यूरिया खाद की आवश्यकता होती है. क्योंकि यूरिया खाद के छिड़काव से ही फसल हरी भरी बनी रहती है और उसमें कीड़े भी नहीं लग पाते हैं.