fluorosis diseases: उत्तर प्रदेश आगरा के कई गांवों में खराब पानी पीने से 1000 से अधिक लोग अपाहिज हो चुके हैं. आगरा के गांवों में 10 हजार से ज्यादा लोग बीमार हैं। पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने के कारण ऐसा हुआ है कि लोगों को हड्डियों के रोग हो गए हैं। जिसमें हड्डी टेढ़ी होने और पूरे शरीर में दर्द की समस्या हो जाती है। डॉक्टर बताते हैं कि जिन इलाकों में पीने के पानी में फ्लोराइड होता है वहां रहने वाले लोगों को फ्लोरोसिस की बीमारी ज्यादा होती है। यह एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है, जो इंसान को विकलांग बना देती है।
Fluorosis diseases
fluorosis diseases: ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को यह बीमारी होने का खतरा अधिक होता है। वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अखिलेश कुमार कहते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग नल या कुएं का पानी पीते हैं। इस पानी में फ्लोराइड की मात्रा जरूरत से ज्यादा रहती है। जिसे पीने से फ्लोरेसिन रोग हो जाता है। इस रोग की शुरुआत दांतों के पीलेपन से होती है। धीरे-धीरे यह रोग हड्डियों तक पहुंच जाता है। इससे हड्डियों में टेढ़ापन और मांसपेशियों में कमजोरी भी आने लगती है, लेकिन चिंता की बात यह है कि ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती है। हड्डियों से होने वाली किसी भी बीमारी में ग्रामीण लोगों को लगता है कि यह गठिया की समस्या है और वे इसका इलाज कराते रहते हैं, लेकिन बीमारी का सही इलाज नहीं हो पाता है.
fluorosis diseases: कंकाल फ्लोरोसिस टेस्ट से पता चलता है
डॉ. कुमार बताते हैं कि फ्लोरोसिस की बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। इसकी जांच के लिए डेंटल फ्लोरोसिस और स्केलेटल फ्लोरोसिस की जांच की जाती है। जिससे इस रोग का पता चलता है। फ्लोरोसिस की जांच के लिए पानी और खाने के सैंपल लेकर भी जांच की जाती है।
Fluorosis diseases
fluorosis diseases: कभी-कभी ऐसा भी होता है कि लोग सालों-साल फ्लोराइड युक्त पानी पीते रहते हैं और उनमें गठिया के लक्षण दिखने लगते हैं, लेकिन उन्हें पता नहीं होता कि पानी की वजह से ऐसा हो रहा है। ऐसे में हड्डियों में फ्लोराइड की मात्रा इतनी बढ़ जाती है कि हड्डी टेढ़ी होने लगती है, जिससे व्यक्ति विकलांग हो जाता है।
डॉ. अखिलेश के मुताबिक जिन इलाकों में लोग हैंडपंपों और कुओं का पानी पीते हैं, वहां फ्लोरोसिस बीमारी का खतरा बहुत ज्यादा है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये लोग बिना ट्रीटमेंट और फिल्टर के पानी पी रहे हैं। ऐसे पानी में फ्लोरेसिन की मात्रा अधिक होने का खतरा हमेशा बना रहता है। इसलिए खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
fluorosis diseases: अगर आप नल या कुएं से पानी पी रहे हैं तो उसे उबाल लें। खाने में विटामिन डी की मात्रा अधिक रखें। आहार में आंवला। हरी सब्जियां और हरी सब्जियां शामिल करें। यदि किसी व्यक्ति को हड्डी में दर्द की शिकायत है तो इसे गठिया न समझें, यह फ्लोरोसिस रोग भी हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर्स से सलाह लेकर जांच कराएं। शुरुआत में ही इस बीमारी का पता चल जाए तो ठीक है, नहीं तो इलाज बहुत मुश्किल हो जाता है।
fluorosis diseases क्या है
अगर पीने के पानी में प्रति लीटर एक मिलीग्राम से ज्यादा फ्लोराइड है तो ऐसे पानी को लगातार पीने से फ्लोरोसिस हो सकता है। इसकी शुरुआत हड्डियों में दर्द और दांतों के पीले होने से होती है।