High Blood Pressure: दुनियाभर में विभिन्न रोगों के संदर्भ में सर्वाधिक मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक से ही होती हैं. स्ट्रोक का असर हमारे शरीर पर पैरालिसिस या पक्षाघात के रूप में सामने आता है. पैरालिटिक अटैक होने की अवस्था में शरीर के किसी एक हिस्से की मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं.
High Blood Pressure: यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब मस्तिष्क और मांसपेशियों के बीच संदेश का आदान-प्रदान ठीक तरीके से नहीं हो पाता. पैरालिसिस पूर्ण या आंशिक हो सकता है. यह शरीर के एक या दोनों तरफ हो सकता है. यह सिर्फ एक क्षेत्र में या पूरे शरीर में भी हो सकता है. सर्दियों के मौसम में आपकी थोड़ी-सी लापरवाही और बार-बार सर्द-गर्म होने की वजह से आप इसके शिकार हो सकते हैं.High Blood Pressure
ठंड में क्यों बढ़ जाते हैं मामले
High Blood Pressureअमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, आमतौर पर सर्दियों में अन्य मौसमों की तुलना में रक्त में कहीं ज्यादा गाढ़ापन आ जाता है, जिससे रक्त में थक्का बनने लगता है. हार्ट अटैक और स्ट्रोक के ज्यादातर मामले रक्त के थक्कों के बनने से होते हैं.
High Blood Pressure ऐसे थक्के हृदय और मस्तिष्क की धमनियों या रक्त नलिकाओं के मार्ग को बाधित करते हैं. कई बार तापमान में अचानक गिरावट का दुष्प्रभाव हृदय की धमनियों (कोरोनरी आर्टरिज) पर भी पड़ता है, जिस कारण वे सिकुड़ जाती हैं. ऐसी स्थिति में रक्त संचार प्रक्रिया के दौरान धमनियों की आंतरिक दीवारों पर रक्त का दबाव ज्यादा पड़ता है

High Blood Pressure यह स्थिति उच्च रक्तचाप को बढ़ाती है. यदि हृदय धमनियों में पहले से ही कोलेस्ट्रोल संचित है, तो उनमें अवरोध उत्पन्न होता है, जो कालांतर में दिल के दौरे का कारण बनता है. तापमान में कमी का प्रभाव सिंपथेटिक नर्वस सिस्टम पर भी पड़ता है. इससे हृदय में रक्त संचार बढ़ता है और दिल की धड़कन की गति बढ़ती है. यह स्थिति भी उच्च रक्तचाप बढ़ाने में सहायक है.
High Blood Pressure: सर्दियों में वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव
मेडिकल जर्नल द लैंसेट के अनुसार, प्रदूषित हवा में सांस लेना फेफड़ों और दिल की बीमारियों के खतरों को बढ़ा रहा है. अन्य मौसमों की तुलना में सर्दियों में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है. फेफड़ों में शुद्ध ऑक्सीजन कम पहुंचती है, जिसके कारण हृदय की पंपिंग क्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ता है. ऐसे माहौल में सांस लेना कालांतर में उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और स्ट्रोक या पक्षाघात के खतरे को बढ़ा रहा है.सर्दियों में रहती है Cough And Cold की समस्या? होम्योपैथी की मदद से करें दूरHigh Blood Pressure
ठंड में हाइ बीपी को ऐसे करें नियंत्रित
वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अनुसार, ज्यादातर समय तनावग्रस्त रहना उच्च रक्तचाप को बुलावा देना है. उच्च रक्तचाप अस्वास्थ्यकर जीवनशैली (समुचित खानपान और व्यायाम का अभाव और नकारात्मक विचार) का नतीजा है, जो कालांतर में हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाता है, इसलिए अपने रक्तचाप को 120/80 या फिर अधिकतम 140/90 तक सीमित रखने का प्रयास करें. इस समय डॉक्टर द्वारा सुझायी गयी दवाओं के नियमित सेवन जरूरी है. असहज महसूस करने पर ब्लड प्रेशर जरूर चेक करें. इन दिनों रक्तचाप मालूम करने के लिए डिजिटल बीपी इंस्ट्रूमेंट सहजता से बाजार में उपलब्ध हैं.
- सर्दियों के मौसम में जंक फूड्स से एकदम परहेज करें. अत्यधिक वसा-चिकनाई युक्त खाद्य पदार्थों से जहां तक संभव हो इस समय बचें, क्योंकि ये वस्तुएं रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को तेजी से बढ़ाती हैं. आहार में हरी सब्जियों, साग व मौसमी फलों को वरीयता दें.
- दिनचर्या में सुबह बाहर जाने की जगह योगासन, प्राणायाम और शारीरिक श्रम से संबंधित अन्य गतिविधियों को शामिल करें. अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार धूप निकलने के बाद टहलें और जीवन के प्रति आशावादी दृष्टिकोण रखें.
- आमतौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन अपने भोजन में विभिन्न खाद्य पदार्थों के जरिये 5 ग्राम से अधिक नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. जहां तक संभव हो, कम मात्रा में नमक का सेवन करें. खाद्य पदार्थों में ऊपर से नमक न डालें.
- निश्चित समय पर ही भोजन ग्रहण करें और स्वाद के फेर में भूख से अधिक भोजन न करें. 6 से 8 घंटे की नींद लें. उपरोक्त बातों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें.
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एंजाइना से रहें सतर्क
High Blood Pressure: वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के एक अध्ययन के अनुसार, सर्दियों में एंजाइना पेक्टोरिस (सीने में तेज दर्द) के मामले बढ़ जाते हैं. एंजाइना को दिल का दौरा पड़ने का शुरुआती संकेत माना जाता है. जब धमनियों में रक्त की आपूर्ति आंशिक रूप से होती है, तो उस स्थिति में दिल को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती. इस स्थिति में सीने में तेज दर्द होता है और सांस फूलने लगती है.
High Blood Pressure दर्द सीने के अलावा, बांह, जबड़े और पीठ के ऊपरी भाग में भी हो सकता है. अनेक मामलों में दवा लेने पर या फिर कुछ देर आराम करने पर यह दर्द स्वत: दूर हो जाता है. इसे हल्के में न लें और डॉक्टर से परामर्श लें.High Blood Pressure
High Blood Pressure: क्या है स्ट्रोक
जब मस्तिष्क को हृदय से होने वाली रक्त की आपूर्ति अचानक बाधित हो जाती है या फिर उच्च रक्तचाप के कारण मस्तिष्क के आंतरिक भाग में रक्त नलिका फट जाती है, तो मस्तिष्क की कार्यप्रणाली ठप हो जाती है. इससे मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और मस्तिष्क की कोशिकाएं मृत होने लगती हैं. इस आपातकालीन मेडिकल कंडीशन को स्ट्रोक (ब्रेन अटैक, लकवा, पक्षाघात) कहा जाता है.High Blood Pressure
गोल्डन ऑवर
स्ट्रोक के लक्षणों के सामने आने के बाद पीड़ित के परिजनों को शीघ्र मरीज को ऐसे अस्पताल ले जाना चाहिए, जहां पर सीटी स्कैन की सुविधा व न्यूरोलॉजिस्ट व न्यूरो सर्जन की उपलब्धता हो. स्ट्रोक के 4:30 घंटे के अंदर समुचित उपचार शुरू होने को गोल्डन ऑवर कहते हैं. इससे स्वस्थ होने की संभावना बढ़ जाती है.
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सर्दियों में हृदयाघात व पक्षाघात के खतरे से कैसे बचें
- जो लोग मोटापे और उच्च रक्तचाप से ग्रस्त हैं, वे डॉक्टर और डायटिशियन से मिलकर मोटापे पर लगाम लगाएं और डॉक्टर के परामर्श से रक्तचाप को नियंत्रित रखने का प्रयास करें.
- सर्दियों में आलस्य के कारण अनेक लोग अपने व्यायाम कार्यक्रम को स्थगित कर कंबल-रजाई में लिपटे रहना चाहते हैं, यह प्रवृत्ति सेहत के लिए ठीक नहीं है. साथ ही रजाई से बाहर निकलने की स्थिति में गर्म कपड़े पहने रहें.
- इस समय लोग अत्यधिक मिर्च मसालेदार युक्त चटपटा और चिकनाईयुक्त खान-पान पसंद करते हैं और भूख से अधिक खाते हैं. यह जोखिम को बढ़ाता है.
- सर्दियों में एक्स्पोजर से स्वयं को बचाएं. पर्याप्त ऊनी कपड़े पहनकर ही घर से बाहर निकलें.
- वृद्ध व जिन्हें पहले से ही उच्च रक्तचाप या हृदय रोग है, उन्हें सर्दियों में धूप निकलने के बाद व शाम होने से पहले ही टहलने जाना चाहिए. ऐसा इसलिए, क्योंकि सुबह के वक्त अत्यधिक ठंड होने के कारण धमनियों के सिकुड़ने का खतरा ज्यादा रहता है और यह स्थिति हार्ट अटैक या फिर स्ट्रोक का कारण बन सकती है.
20:30:40 का फॉर्मूला अपनाएं
20 मिनट लें धूप : विभिन्न प्रकार के जीवाणुओं और वायरस से लड़ने के लिए शरीर का रोग प्रतिरोधक तंत्र, एंटीबॉडी बनाता है. धूप में विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जिसके कारण एंटीबॉडी अधिक मात्रा में बनता है. इसके अलावा धूप सूजन और उच्च रक्तचाप को कम करने में सहायक है. इससे मस्तिष्क की कार्यक्षमता भी बढ़ती है, इसलिए हर दिन धूप में 20 मिनट जरूर बैठें.
30 प्रतिशत प्रोटीनयुक्त आहार : सर्दियों में मेटाबॉलिज्म तेज होता है, इस कारण भूख अधिक लगती है. चिकनाईयुक्त आहार की जगह अगर आपके आहार का 30 से 35 प्रतिशत भाग प्रोटीन (दालें, सोयाबीन, दूध और उससे निर्मित उत्पादों आदि) का हो, तो भूख कम लगती है, जिससे अतिरिक्त वजन बढ़ने की संभावना भी कम होती है.
40 मिनट व्यायाम : ठंड के मौसम में अपनी शारीरिक क्षमता और उम्र के अनुसार, प्रतिदिन लगभग 40 मिनट तक व्यायाम, योग, प्राणायाम करने से उच्च रक्तचाप और स्ट्रोक का खतरा लगभग 30 प्रतिशत तक कम हो जाता है.
इस समय इन्हें है हार्ट अटैक व स्ट्रोक का ज्यादा जोखिम
- जो ज्यादातर समय तनाव हावी रहता है.
- जो लोग उच्च रक्तचाप से ग्रस्त हैं.
- जो पहले से ही हृदय रोगों, जैसे- कोरोनरी आर्टरी डिजीज आदि से ग्रस्त हैं.
- जिन लोगों के रक्त में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर अधिक है.
- मधुमेह (डायबिटीज) से ग्रस्त लोग.
- मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति. मोटापा सर्दियों में स्ट्रोक के खतरे को लगभग 12% तक बढ़ा सकता है.
- धूम्रपान करने वाले लोग.