शराब एक ऐसा तरल पदार्थ है जो पार्टियों की शान भी होती है, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की नींव भी होती है लेकिन दूसरी ओर समाज में बर्वादी की भी एक मुख्य वजह भी शराब ही है। इस विषय को लेकर बिहार पूरे देश में चर्चा में भी है। अप्रैल 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शराब के कारोबार पर आधिकारिक रोक लगा दी थी। तब से ये मुद्दा प्रदेश की राजनीति को एक नया सियासी मंत्र देता दिखाई दे रहा था। इसे लेकर नई बहस, नए विवाद सामने आते रहते हैं।
बिहार की शराबबंदी पर फिर बहस छिड़ सकती है। वजह है इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन यानी IRCTC का एक बड़ बयान सामने आया है। उसने कहा है कि शराबबंदी के कारण बिहार में पर्यटन को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है। कहा तो ये भी जा रहा है कि कम से कम विदेशी पर्यटकों को शराब की बोतलें गटकने की अनुमति मिलनी चाहिए।
बिहार सरकार दावा करती रही है कि शराबबंदी से राज्य के पर्यटन पर कोई असर नहीं पड़ा है. लेकिन IRCTC इससे मामले में अपनी कुछ और ही राय रखती है। IRCTC के मुताबिक बिहार के पर्यटन को शराबबंदी काफी प्रभावित कर रही है, इसलिए कम से कम विदेशी सैलानियों को शराब खरीदने और पीने की सुविधा दी जानी चाहिए।
बिहार में विदेशियों को शराब गटकनें का मिले मौका, मिलेगी अर्थव्यवस्था को नई उड़ान: IRCTC
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