Madhya Pradesh News:- हाईकोर्ट के सख्त आदेश देने के बाद भी नहीं हटे मंदिर के फोटो, हाईकोर्ट से मिली अंतिम चेतावनी, एमपी के उज्जैन महाकाल मंदिर के लड्डू प्रसादी के डब्बो पर से मंदिर का फोटो ना हटाने के मुद्दा ने फिर एक बार आग पकड़ ली है। कारण इंदौर हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी मंदिर समिति ने चार महीने में पैकेट पर से फ़ोटो ना हटाना है। इस मामले में अब याचिकाकर्ता ने कलेक्टर और मंदिर समिति को 10 दिन में फ़ोटो हटवाने की चेतावनी दे दी गई है।
मामला क्या है?
आपको बता दे की यह मामला क्या है तो बता दे महाकाल मंदिर के इस लड्डू प्रसादी के डब्बे पर छपे हुए श्री ओंकारेश्वर महादेव, श्री नागचंद्रेश्वर महादेव, श्री महाकालेश्वर शिखर दर्शन एवं ऊँ को हटाने के लिए वकील अभीष्ट मिश्र ने इंदौर हाइकोर्ट की युगल पीठ में याचिका लगा दी गई थी। इस मामले में 24 अप्रैल को कोर्ट ने मंदिर प्रशासन को 90 दिन में इस समस्या करने का समाधान करने के आदेश दिए गए थे।
हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका
विश्व के सबसे प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के में प्रसाद के लड्डू ग्रहण के बाद में पैकेट श्रद्धालु कचरे के डब्बे में फेंक देते हैं। इससे भगवान का अपमान होता है। जिसको ध्यान में रखते हुए 10 अप्रैल को मंदिर प्रशासन और कलेक्टर को पत्र लिखा दिया था। इसमें पैकेट से भगवान की चित्र हटाने की डिमांड की गई थी।
अवमानना केस
अभिभाषक मिस्र ने कहा है कि हाईकोर्ट द्वारा मंदिर प्रशासन को तीन महीने का समय दिया था। शुरुआत में मंदिर समिती ने बताया था डिब्बों का स्टाक खत्म होने के बाद नई डिजाईन बना ली जाएगी, लेकिन इसके चार महीने गुजर जाने के बाद भी प्रसाद के डब्बो से मंदिर का फोटो ना हटाने पर जिम्मेदारों को पत्र लिखा गया, लेकिन फिर भी सुधार नहीं हुआ। इस दस दिन में प्रबंध समिती ने डब्बे नहीं बदले गए तब हाईकोर्ट में अवमानना का केस लगाया जाएगा।
पत्र में क्या पूछा गया?
अभिभाषक मिस्र के मुताबिक कलेक्टर, मंदिर प्रशासक और मंदिर समिति को पत्र लिखा गया है। इसमें सवाल पूछा गया है कि चार महीने से ज्यादा का समय चले जाने के बाद में भी वह फोटो क्यों नहीं हटा इससे सनातनियों और उनके धर्म व आस्था को ठेस पहुंचती नजर आ रही है, और माननीय उच्च न्यायालय की अवहेलना भी हो रही है।