Makke Ki Kheti:- मक्के की खेती से कम समय में कमाए लाखों का मुनाफा, पढ़े पूरी खबर, मक्के की फसल ऐसी फसल है जोकि बहुत कम समय में अच्छी कमाई करके दे सकती है। मक्के की खेती से आप लाखो रुपए तक कमा सकते है। बता दे खरीफ की फसल में मक्का तथा धन दोनों बोई जाती है। मगर आप आप धान की फसल से अधिक मुनाफा मक्का की खेती करके पैसा कमा सकते हैं। चलिए मक्के की खेती के बारे में विस्तार से जानते है।
मक्के की खेती में ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी होती है। मक्के की फसल भारत में होने वाली बारिश के समय करके है। बता दे खरीफ मक्का को 627-628 मिमी प्रति हेक्टेयर पानी की आवश्यकता पड़ती है, वही धान की फसल को औसतन 1000-1200 मिमी प्रति हेक्टेयर पानी की आवश्यकता पड़ती है।
मक्का के फसल की विकास का समय धान की तुलना में बहुत कम होती है, मक्के की खेती में कीट प्रबंधन की लागत भी कम है। 2010-11 से 2020-21 तक मक्का के न्यूनतम समर्थन मूल्य की वार्षिक वृद्धि दर धान और गेहूं की तुलना में सबसे ज्यादा है, जो हर साल 7 % की दर से बढ़ती है। मक्के की खेती कम जलभराव और कम बारिश वाले क्षेत्रों में या ऊंची और मध्यम जमीनों पर मक्का की खेती धान की तुलना में अच्छा ऑप्शन साबित हो सकती है।
मक्के की खेती कब, कितना खाद, उर्वरक जरुरी
मक्के की खेती में जरुरी मात्रा में खाद और उर्वरक देते है तो मक्का के पौधे अच्छे पौष्टिक रहते है। जो कि उत्पादन की क्षमता को बढ़ा देते है और हमें ज्यादा मात्रा में लाभ प्राप्त होता है। मक्के की खेती में खास ध्यान रखना होता है की हमें उचित मात्रा में तथा उचित समय पर खाद और उर्वरक का उपयोग करना होता है तब मक्के के लिए लंबी अवधि की किस्मों के लिए 100 किलो यूरिया, 55 किलो डीएपी, 160 किलो एमओपी और 10 किलो जिंक की आवश्यकता पड़ती है।
मक्के की बुआई
मक्के की खेती में बुवाई के समय 33 यूरिया, 55 डीएपी, 160 एमओपी, 10 जिंक सल्फेट का प्रयोग किया जाना चाहिए, इसके बाद बचे हुए यूरिया को दो भागों में बांटकर देते है वही कम अवधि की किस्मों के लिए 75 किलो यूरिया, 27 किलो डीएपी, 80 किलो एमओपी और 10 किलो जिंक की आवश्यकता पड़ती है। बुवाई के समय में 25 किलो यूरिया, 27 किलो डीएपी, 80 किलो एमओपी, 10 किलो जिंक सल्फेट का इस्तेमाल होना चाहिए।