MENTAL HEALTH STUDIES: हाल ही में किये गए अध्ययानों में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस गंभीर बिमारी के बढ़ते खतरों के बारे में चेतावनी जारी की है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेस (NIMHANS) के हालिया अध्ययन के मुताबिक शहरों में पीजी (Paying Guest) में रहने वाले युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य की समस्या का खतरा तेजी से बढ़ता देखा गया है। यह स्थिति अवसाद का कारण भी बन सकती है। इस वर्ष 18 से 29 साल की आयु वाले 300 से अधिक लोगों में से 10 फीसदी लोगों ने मेजर डिप्रेसिव एपिसोड (MDE) और 13.9 प्रतिशत लोगों ने तनाव विकारों के बारे में जानकारी दी है।
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MENTAL HEALTH STUDIES: कोरोना महामारी से हुए प्रभावित
MENTAL HEALTH STUDIES:कनाडा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने हालिया अध्ययन में पाया कि कोरोना महामारी के बाद से मानसिक विकार के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। महामारी के दौरान हर आठ में से एक व्यक्ति पहली बार इस अवसाद का शिकार पाया गया। इससे यह साफ जाहिर होता है कि महामारी की इस प्रतिकूल प्रस्थिती ने युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य को काफी हद तक प्रभावित किया है।
ये है मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के दो कारण
अध्ययन में पाया गया है कि जिन लोगों में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समस्याओं का निदान हुआ है उनमें से अधिकतर लोग मादक द्रव्य के शिकार थे। इनमें से कुछ शराब तो कुछ तम्बाकू के सीवान के आदि थे। शोधकर्ताओं ने पीजी में तने वाले युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के दो कारकों को जिम्मेदार माना है।
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- पहला कारण :- वे घर से दूर एक नए शहर में रहते हैं और लंबे समय तक काम करते हैं।
- दूसरा कारण:- उनमें इमोशनल सपोर्ट की कमी होती है। ऐसे लोग अपनी भावनाओं को शेयर नहीं कर पाते हैं।
वैज्ञानिक टीम ने किया अलर्ट
कोरोना महामारी के बाद बाद से मानसिक स्वास्थ्य विकारों के जोखिम और भी बढ़ गए हैं। इसी के संबंध में कनाडा के हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों की एक टीम ने इसके बढ़ते जोखिमों को लेकर लोगों को अलर्ट किया गया है। 20 हजार से अधिक लोगों पर किये गए अध्ययन में यह पाया गया कि महामारी के वक्त 8 युवाओं में से एक ने पहली बार अवसाद का अनुभव किया है।वहीं दूसरी और जो लोग पहले से ही तनाव ग्रस्त हैं उनमें लक्षणों की गंभीरता अधिक देखी गयी है।