MP Teacher Recruitment 2023 : मध्य प्रदेश के शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर है। जबलपुर हाई कोर्ट के आदेश पर च्वाइस फिलिंग करने के लिए एमपी स्कूल शिक्षा विभाग फिर से पोर्टल खोलेगा। वही जब तक याचिका का निराकरण नहीं हो जाता तब तक रिजल्ट भी जारी नहीं किया जाएगा। संभावना जताई जा रही है कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब जल्द ही पोर्टल को एक बार फिर ओपन किया जाएगा।
MP Teacher Recruitment 2023: हाई कोर्ट ने दिए ये निर्देश
MP Teacher Recruitment 2023: दरअसल, जबलपुर हाईकोर्ट ने एमपी ट्राईबल डिपार्टमेंट में नियुक्त किए गए माध्यमिक शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए लोक शिक्षण संचालनालय के अंतर्गत संचालित सरकारी स्कूलों में चॉइस फिलिंग के लिए फिर से स्कूल शिक्षा विभाग का पोर्टल ओपन करने के अंतरिम आदेश दिए गए हैं।वही इस याचिका के निराकरण तक फाइनल रिजल्ट घोषित ना किया जाए। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इसमें एमपी सरकार को निर्देशित किया गया है कि याचिकाकर्ताओं को चॉइस फिलिंग के लिए पोर्टल फिर से ओपन किया जाए तथा याचिका के अंतिम निराकरण तक रिजल्ट जारी न किया जाए।
MP Teacher Recruitment 2023: ये है पूरा मामला
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- यह पूरा मामला स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा चयन सूची जारी करके आदिवासी विभाग में पदस्थ शिक्षकों को स्कूल च्वाइस का विकल्प देने से वंचित किए जाने का है, जिसके संबंध में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने पक्ष रखा और दलील दी कि व्यापमं द्वारा पात्रता परीक्षा-2019 आयोजित की गई थी, जिसके बाद प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती अक्टूबर 2021 से चल रही है, इसमें आयुक्त लोक शिक्षण व आदिवासी विभाग द्वारा संयुक्त के स्थान पर अलग-अलग काउंसलिंग कराए जाने से दोनों जगह हजारों शिक्षक चयनित हुए हैं, ऐसे में राइट टू च्वाइस व राइट टू जाब से वंचित करना असंवैधानिक है।
- हाईकोर्ट को बताया गया कि शिक्षकों का एक विभाग से दूसरे विभाग यानी लोक शिक्षण विभाग से आदिवासी विभाग में स्थानांतरण किए जाने का प्रविधान नहीं है यानि जनजातीय कार्य विभाग और लोक शिक्षण संचालनालय, दोनों मध्य प्रदेश के अलग-अलग विभाग के एवं दोनों के बीच में कर्मचारियों की ट्रांसफर नहीं हो सकते, ऐसे में प्रक्रिया के दौरान शासन की ओर से जनजातीय कार्य विभाग में नियुक्त कर दिए गए शिक्षक DPI द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों में नियुक्ति चाहते हैं, जिसे
- आयुक्त द्वारा एक आदेश जारी करके प्रतिबंधित कर दिया है।
- अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने पक्ष रखते हुए कहा कि संवैधानिक के अनुच्छेद 14, 16, 19 तथा 21 के तहत यह उम्मीदवारों का मौलिक अधिकार है कि उन्हें किस विभाग में नौकरी करना है। पूर्व में 1 महीने का वेतन जमा करके शिक्षकों को ट्राइबल से डीपीआई में और DPI से ट्राइबल में जाने का मौका दिया गया था। अतः समानता के आधार पर भी याचिकाकर्ताओं के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता।
MP Teacher Recruitment: अभी नहीं जारी होगा रिजल्ट
तमाम दलील और पक्षों को सुनने के बाद तर्कों से सहमत होते हुए एमपी हाई कोर्ट के न्यायाधीश, जस्टिस विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए मध्यप्रदेश शासन को निर्देशित किया गया है कि याचिकाकर्ताओं को चॉइस फिलिंग के लिए पोर्टल फिर से ओपन किया जाए तथा याचिका के अंतिम निराकरण तक रिजल्ट जारी न किया जाए।