MPNRC Colleges and Results 2022 रद्द हुए 93 नर्सिंग कॉलेजों (Nursing Colleges) में से 80 को एमपीएनआरसी (MPNRC) से मिली अस्थायी मान्यता, अधर में लटके हजारों छात्रों का भविष्य
MPNRC Colleges and Results 2022: मध्य प्रदेश नर्स पंजीकरण परिषद (MPNRC) भोपाल (BHOPAL) ने राज्य के 93 निजी कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी थी, जिनमें से 80 को अब अस्थायी मान्यता दी गई है।
MPNRC Colleges and Results 2022: मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल (एमपीएनआरसी) भोपाल ने राज्य के 93 निजी कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी थी जिनमें अब 80 कॉलेजों को अस्थाई तौर पर मान्यता दे दी गई है। कौंसिल की ओर से करीब तीन महीने पहले निजी कॉलेजों पर अनियमितता का आरोप लगाकर 93 प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी थी। कॉलेज प्रबंधकों की ओर से अपील करने पर एमपी नर्सिंग कौंसिल ने मान्यता रद्द किए गए सभी कॉलेजों को निर्धारित दस्तावेज, संस्थान का मैप व प्रायोगशाला आदि के दस्तावेज प्रस्तुत करने के संबंध में 29 अगस्त 2022 को नोटिस जारी किया गया था।
16 सितंबर 2022 को एमपीएनआरसी की ओर से सभी प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों को जारी आदेश में कहा गया है कि संस्थानों द्वारा उपलब्ध कराए गए अधोसंरचना/संसाधनों के दस्तावेजों की स्क्रूटनी के बाद 80 कॉलेजों की मान्यता अस्थाई रूप से बहाल की जा रही है। जिन नर्सिंग कॉलेजों को अस्थाई तौर से मान्यता दी गई है उनमें भोपाल के 7, इंदौर के 11 और छतरपुर 3 कॉलेज भी शामिल हैं। कौंसिल ने इन 80 संस्थानों की सूची भी जारी की है जिसे छात्र यहां आगे JPGE फॉर्मेट में देख सकते हैं।


अधर में हजारों छात्रों का भविष्य: MPNRC Colleges and Results 2022
आपको बता दें कि कॉलेजों की मान्यता रद्द किए जाने से हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। हालंकि 80 कॉलेजों की मान्यता अस्थाई तौर पर बहाल की गई है जो छात्रों के लिए कुछ राहत की खबर है। लेकिन मार्च 2022 में नर्सिंग परीक्षा देने वाले हजारों छात्र अभी करीब 6 माह बीत जाने के बाद भी अपने रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि पहले तो परीक्षाएं करीब डेढ़ साल की देरी से हुई अब 6 माह से रिजल्ट अटका हुआ है।
वहीं मान्यता रद्द हुए कॉलेज छात्रों से एडमिशन, हॉस्पिटल ट्रेनिंग व इंटरनल एग्जाम्स के नाम पर फीस वसूली करने में लगे हैं। जागरूकता के अभाव में मान्यता रद्द होने के बाद भी कई छात्र ऐसे संस्थानों में दाखिला ले रहे थे बल्कि आगामी परीक्षाओं के लिए एडवांस में फीस भी जमा करा रहे थे। वहीं अब अस्थाई मान्यता मिलने से भी छात्रों को चिंता सता रही है कि कहीं उनका पैसे और मेहनत पर पानी न फिर जाए।

उल्लेखनीय है कि मान्यता रद्द होने की सूचना कॉलेजों की ओर से अपने छात्रों को नहीं दी गई थी और न ही नर्सिंग कौंसिल की ओर से ऐसे लापरवाह कॉलेजों की सूची सार्वजनिक रूप से जारी की गई थी। ऐसे में छात्र इन अस्थाई कॉलेजों के जाल में फंसकर फीस के नाम पर मोटी रकम जमा करा रहे थे। हालांकि मान्यता बहाल होने की खबर जरूर कुछ कॉलेजों द्वारा द्वारों के वॉट्सग्रुप में डालकर सूचित किया गया है।
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