नई दिल्ली: मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड भारत में जर्मन रिटेलर मेट्रो एजी के कैश एंड कैरी (METRO AG’s cash & carry) बिजनेस को 500 मिलियन यूरो (4,060 करोड़ रुपये) में खरीदने के लिए पूरी तरह तैयार है।
Mukesh Ambani उद्योग के सूत्रों के हवाले से पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस सौदे में 31 थोक वितरण केंद्र, भूमि बैंक और भारत में जर्मन रिटेलर के स्वामित्व वाली अन्य संपत्तियां शामिल हैं। इस अधिग्रहण से भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति के ग्रुप की खुदरा शाखा, रिलायंस रिटेल को बी2बी सेगमेंट में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में मदद मिलेगी।
Bedroom Vastu: हैप्पी और रोमांटिक लाइफ के लिए बेडरूम में आजमाएं ये वास्तु टिप्स
Mukesh Ambani
Mukesh Ambani बताया गया कि पिछले कुछ महीनों से रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और मेट्रो के बीच बातचीत चल रही है और जर्मन मूल फर्म ने पिछले हफ्ते आरआईएल की पेशकश पर सहमति व्यक्त की। मेट्रो एजी खुदरा विक्रेताओं, किराना स्टोर, होटल, रेस्तरां और कैटरर्स, कॉरपोरेट्स और कंपनियों जैसे व्यवसायों को कवर करता है। बता दें कि रिलायंस ने कंपनी की खरीब के साथ इससे भारत में फैले कारोबार के अधिग्रहण का प्लान बनाया है।
सौदे के पूरा होने के साथ, METRO AG 2014 में फ्रेंच कैरेफोर के बाद भारत में कम मार्जिन वाले बी2बी कारोबार से बाहर निकलने वाला दूसरा बहुराष्ट्रीय खुदरा विक्रेता बन जाएगा।
इससे पहले, 2020 में, ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट ग्रुप ने वॉलमार्ट इंडिया के थोक कारोबार में एक सौ प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली थी, जो बेस्ट प्राइस कैश और कैरी ट्रेडिंग व्यवसाय संचालित करती है।
Mukesh Ambani
Mukesh Ambani: भारतीय बाजार में कब हुआ प्रवेश
Mukesh Ambaniमेट्रो कैश एंड कैरी ने 2003 में भारतीय बाजार में प्रवेश किया। 34 देशों में उपस्थिति रखने वाला समूह, मेट्रो होलसेल ब्रांड के तहत 31 थोक वितरण केंद्र संचालित करता है, जिसमें बैंगलोर में छह, हैदराबाद में चार, मुंबई और दिल्ली में दो-दो शामिल हैं। वहीं, एक-एक केंद्र कोलकाता, जयपुर, जालंधर, जीरकपुर, अमृतसर, विजयवाड़ा, अहमदाबाद, सूरत, इंदौर, लखनऊ, मेरठ, नासिक, गाजियाबाद, तुमकुरु, विशाखापत्तनम, गुंटूर और हुबली में भी है।