Murgi Palan :जानिए नीले रंग के अंडे देने वाली मुर्गी के खासियत के बारे में, जाने डिटेल । आप ने मुर्गी के अंडे तो देखे ही होंगे कई मुर्गिया बड़े अंडे देती है कुछ छोटे देती है. देशी और विदेशी नस्ल के अंडे आकर और कलर में थोड़े भिन्न हो सकते है पर क्या कभी आपने नील अंडे देने वाली मुर्गी के बारे में सुना या देखा है जी हा हम बात कर रहे है.
नीले अंडे देने वाली मुर्गी के बारे में आपको बता दे की नीले रंग के अंडे देने वाली मुर्गी का नाम अरूकाना Araucana है ये मुर्गियां ज्यादातर चिली देश में पाई जाती हैं. आइए इन मुर्गियों और इनके नीले अंडों के बारे में जो हमें मिली है.
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नीला अंडा होने का यह है कारन
Murgi Palan: अब आपके दिमाग में एक सवाल बहुत घूम रहा होंगा की क्यों इस मार्गी के अंडे का रंग नीला होता है. तो मिली जानकारी के मुताबिक चिकन में रेट्रोवायरस के हमले की काफी ज्यादा आशंका रहती है. ये वे वायरस हैं जो सिंगल RNA होते हैं और मुर्गियों में प्रवेश कर उनमें जीनोम की संरचना को बदल देते हैं. इन रेट्रोवायरस को EAV-HP कहते हैं. जींस की संरचना में बड़े बदलाव के कारण चिकन के अंडे नीले हो जाते हैं. तो यह इन नीले अंडो से जुडी जानकारी निकल के सामने आ रही है.

क्यों होता है इन मुर्गियों का अंडा नीला
Murgi Palan: इसकी ठीक-ठीक वजह तक अभी पहुंचा नहीं जा सका है. वैज्ञानिकों का मानना है कि चिकन में रेट्रोवायरस के हमले की काफी ज्यादा आशंका रहती है. ये वे वायरस हैं जो सिंगल RNA होते हैं और मुर्गियों में प्रवेश कर उनमें जीनोम की संरचना को बदल देते हैं. इन रेट्रोवायरस को EAV-HP कहते हैं. जींस की संरचना में बदलाव के कारण चिकन के अंडे नीले हो जाते हैं. हालांकि वायरस के हमले के बाद भी इन्हें खाना एकदम सुरक्षित है. वायरस केवल जीन की आंतरिक संरचना में बदलाव कर उसका रंग बदल देता है.
Murgi Palan: यही वजह है कि चिली ही नहीं, कई यूरोपियन देशों और अमेरिका में भी ये चिकन काफी शौक से खाया जाता है. यहां तक कि रेस्त्रां में ये एग्जोटिक आयटम की श्रेणी में आते हैं और काफी महंगे दामों पर मिलते हैं. वैसे अब नीले अंडे देने वाले मुर्गियों की प्रजनन क्षमता प्राकृतिक तौर पर कम हो रही है और ये बड़ी तेजी से घट रही हैं. इसकी एक वजह ये भी है रेट्रोवायरस के हमले के कारण बहुत से चिकन अपने शेल में ही खत्म हो जाते है . यही वजह है कि अब चिली और अमेरिका में इसकी ब्रीडिंग कराई जाने लगी है.

सबसे पहले कहा पाए गए यह अंडे
Murgi Palan: अब बात करे इस मुर्गी के खोज की तो आपको बता दे रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसा माना जाता है कि सबसे पहले साल 1914 में स्पेन के पक्षी वैज्ञानिक सल्वाडोर कस्तेलो ने चिली में इन मुर्गियों को देखा था. चिली अकेारुकानिआ इलाके में दिखने के कारण इसे अरुकाना कहा जाने लगा. तो यह थी नीले मुर्गी के अंडो से जुडी कुछ जानकारी।