Mutual Fund Scheme: बच्चों के भविष्य के लिए इनवेस्टमेंट की शुरुआत जितनी जल्दी हो, शुरू कर देनी चाहिए। बच्चों की शिक्षा, शादी जैसे गोल के लिए जब आप इनवेस्टमेंट शुरू करते हैं, तो आपके पास लंबा समय रहता है। इसका फायदा यह होता है कि निवेश जितना लंबी अवधि के लिए हो तो उतना ही कम्पाउंडिंग का फायदा मिलेगा। अगर बच्चों के लिए इनवेस्टमेंट की प्लानिंग कर रहे हैं तो म्यूचुअल फंड स्कीम्स (Mutual Fund Scheme) बेहतर ऑप्शन हो सकते हैं। बता दें कि म्यूचुअल फंड मार्केट में कई ऐसे फंड्स हैं, जो बच्चों को ध्यान में रखकर डिजाइन किए गए हैं।
बता दें कि बच्चे के नाम म्यूचुअल फंड स्कीम में Lump sum और SIP दोनों तरह से इनवेस्टमेंट अच्छा ऑप्शन है। अगर बच्चे के जन्म के बाद से ही इन म्यूचुअल फंड्स स्कीम (Mutual Fund Scheme) में इनवेस्टमेंट की शुरुआत की जाए, तो 15 साल की उम्र होते-होते आपके बच्चे के नाम एक बड़ा फंड हो जाएगा। मार्केट में कई ऐसे फंड्स हैं, जिनमें 10 साल में Lump sum निवेश में 4 से 5 गुना से ज्यादा हो सकता है। वहीं, कहीं हजारों रुपये मंथली SIP की वैल्यू बढ़कर लाखों रुपये तक पहुंच गई है। साथ ही, इन चाइल्ड फंड्स में खासकर दो कैटेगरी फ्लैक्सी कैप और हाइग्रिड कैटेगरी के फंड हैं।
अगर आप अपने बच्चों के लिए इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड में निवेश करना एक सही कदम हो सकता है। बच्चों के भविष्य को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में म्यूचुअल फंड की स्कीम आपके बहुत काम आएंगी। तो आइए जानते है कि आप सबसे बेस्ट म्युचुअल फंड चुनते समय किन बातों पर रखें ध्यान
इनवेस्टमेंट लक्ष्य निर्धारित करें
बात दें कि कोई भी इनवेस्टमेंट किसी विशेष लक्ष्य को पूरा करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, घर खरीदना, वाहन खरीदना, उच्च शिक्षा के लिए योजना बनाना और भी बहुत कुछ। इसलिए निवेश के लक्ष्य को निश्चित करने के लिए विभिन्न पैरामिटर को आकलन करने में मदद मिलता है। Mutual Fund Scheme
अपनी इनवेस्टमेंट टर्म का आकलन करें
इनवेस्टमेंट लक्ष्य निश्चित करने के बाद अगला पैरामीटर इनवेस्टमेंट टर्म होता है। कार्यकाल निश्चित करने से यह तय करने में मदद मिलती है कि इनवेस्टमेंट के लिए किसी प्रकार की योजनाओं को चुना जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि इनवेस्टमेंट टर्म कम है तो आप डेट फंड चुन सकते हैं और यदि इनवेस्टमेंट टर्म अधिक है तो आप इक्विटी फ़ंड चुन सकते हैं।
अपने एक्सपेक्टेड रिटर्न और जोखिम की क्षमता तय करें
आपको एक्सपेक्टेड रिटर्न और जोखिम की क्षमता भी निर्धारित करने की आवश्यकता है।एक्सपेक्टेड रिटर्न और जोखिम की क्षमता का निर्धारण भी योजना के प्रकार पर निर्णय लेने के लिए एक सलाह के रूप में कार्य करता है।
Hair Care Tips: बालों की हर एक समस्या का रामबाण इलाज है रोजमेरी का तेल, ऐसे करें यूज
प्लान परफॉर्मेंस और फंड हाउस की क्रेडिट का आकलन करें
रिटर्न और जोखिम-भूख जैसे विभिन्न फैक्टर पर निर्णय लेने के बाद आपको अपना प्लान परफॉर्मेंस ध्यान देना चाहिए। यहां पर आपको फंड की उम्र, उसके पिछले ट्रैक रिकॉर्ड और अन्य रिलेटेड पैरामीटर की जांच करनी चाहिए। योजना के साथ-साथ आपको फंड हाउस की क्रेडिट की भी जांच करनी चाहिए। इसके अलावा योजना का मैनेजमेंट करने वाले फंड मैनेजर की क्रेडिट की भी जांच करें।
समय पर अपने निवेश की समीक्षा करें
Mutual Fund Scheme एक बार निवेश करने के बाद आपको समय पर अपने इन्वेस्टमेंट रिव्यू करनी चाहिए और समय पर अपने पोर्टफोलियो को रिबेलेंस करना चाहिए। यह आपको इफेक्टिव रूप से कमाई करने में मदद करेगा।
Mutual Fund Scheme: आप अगर अपने बच्चों का भविष्य बनाना चाहते हैं बेहतर तो यहां करें निवेश, होगा काफी लाभ
इनवेस्टमेंट करने से पहले न करें ये गलती
बता दें कि निवेशक आमतौर पर एक बड़ी सामान्य चूक करते हैं, अच्छा परफॉर्म करने वाली स्कीम में प्रॉफिट बुक करते हैं लेकिन जिस स्कीम का रिटर्न लगातार निगेटिव या कम बना हुआ है, उसमें वह इस उम्मीद में रहते हैं कि आने वाले समय में उसमें तेजी आएगी। जबकि, निवेशकों को ऐसा नहीं करना चाहिए। साथ ही, ऐसी स्कीम से दूरी बनाइए, जिसकी परफॉर्मेंस लगातार खराब या अच्छी नहीं है।