प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर के बिगडै़ल ट्रैफिक को संभालने के लिए जन भागीदारी आधारित अभियान का शुभारंभ सोमवार से किया गया है. ट्रैफिक मित्र अभियान के तहत शहर के करीब 1000 से ज्यादा छात्र, डॉक्टर, वकील, समाजसेवी, पत्रकार और विभिन्न वर्गों के नागरिक शहर के तमाम चौराहों पर ट्रैफिक संभालने के लिए उतरेंगे. वहीं अभियान में कैलाश विजयवर्गीय समेत शहर के तमाम जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भी ट्रैफिक मित्र की तरह ही सप्ताह में एक दिन ड्यूटी करने की घोषणा की है.
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1 साल तक चलेगा अभियान
आपको बता दे कि इस अभियान की जरूरत इस लिए पड़ी की क्योकि सड़क परिवहन मंत्रालय की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार देशभर में हादसों के लिहाज से इंदौर दिल्ली के बाद दूसरे नंबर पर है. यहां आए दिन कई दुर्घटनाएं होती हैं. इंदौर में सालाना 4680 हादसे रिकॉर्ड किए गए हैं. जिनमें करीब हर साल 400 लोगों की मौत हो जाती है. इस हिसाब से शहर में प्रतिदिन एक व्यक्ति की मृत्यु सड़क हादसे के कारण हो रही है. यही वजह है कि प्रदेश के सबसे व्यस्ततम ट्रैफिक वाले शहर में नगर निगम और खासकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव इस तरह के अभियान को अगले 1 साल तक जारी रखने की तैयारी में है. जिससे इंदौर स्वच्छता के बाद ट्रैफिक सुधार में भी नंबर वन पर आ सके.
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ट्रैफिक मित्र सड़क पर संभालेंगे व्यवस्था
ट्रैफिक मित्र अभियान के तहत स्कूल व कॉलेज में साल भर में करीब 48 प्रतिशत सत्र आयोजित होंगे. इन सत्रों में पुलिस के आला अफसर के अलावा ट्रैफिक से जुड़े अधिकारी व परिवहन विभाग के अधिकारी छात्रों को टॉक शो के जरिए बेहतर ट्रैफिक के उपायों पर संवाद करेंगे. जिससे की शैक्षणिक संस्थाओं के स्तर पर ही छात्र-छात्राओं में ट्रैफिक के पालन की भावना विकसित हो सके.
साथ ही शासकीय कार्यालय और निजी संस्थानों में हेलमेट लगाकर नहीं आने वाले लोगों को कार्यालय में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इसके अलावा इस नियम का उल्लंघन करने पर नगर निगम संबंधित अधिकारी उस व्यक्ति के खिलाफ उसके विभाग को कार्रवाई के लिए भी अनुरोध कर सकेगा.
अब इंदौर में पुलिस नहीं बल्कि डॉक्टर, वकील, पत्रकार और नेता संभालेंगे ट्रैफिक व्यवस्था