मध्य प्रदेश के ग्वालियर से जालसाजी का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक जालसाज ने प्रदेश पुलिस के मुखिया को ही झांसा देने का प्रयास किया. जालसाज की हिमाकत देखिए कि उसने डीजीपी को फोन कर दो पुलिस अधिकारियों के तबादले करने की बात तक कह डाली. आरोपी खुद को केंद्रीय मंत्री का पीए बता रहा था.आइये आपको विस्तार से बताते है पूरा मामला क्या है।
मंत्री का बता रहे थे पीए
पुलिस ने जब जालसाज को धर दबोचा तो पता चला कि खुद को केंद्रीय मंत्री का पीए तो कभी तांत्रिक बताने वाला आरोपी अधिकारियों पर मनचाहे ट्रांसफर कराने का दबाव बनाता था. हाल ही में आरोपी ने दो थाना प्रभारियों के ट्रांसफर के लिए भी मध्य प्रदेश पुलिस के डीजीपी को कॉल भी किया था, जिसके बाद वह पकड़ा भी गया.
आपको बता दे कि जुलाई 2024 में मध्य प्रदेश डीजीपी और विशेष पुलिस महानिदेशक के पास एक मैसेज पहुंचा था. भेजने वाले ने मैसेज में अपनी पहचान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के PA जयप्रकाश के रूप में बताई गई थी और डीजीपी से गुना और शिवपुरी के दो थाना प्रभारी विनय यादव और पंकज त्यागी का ट्रांसफर भिंड और ग्वालियर जिलों में करने के लिए कहा था.
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2 थाना प्रभारी का करवा रहे थे पोस्टिंग
यह मैसेज मिलने के बाद डीजीपी को शक हुआ, क्योंकि जिस तरह की भाषा का उपयोग संदेश में किया गया था. वह पीए के जैसी नहीं थी. उन्होंने तुरंत इस मैसेज की सच्चाई पता करने के निर्देश दिए. जब नंबर की जांच की गई, तो वह केंद्रीय मंत्री के पीए के नाम पर ही रजिस्टर मिला, लेकिन दाल में कुछ काला होने की अनुभूति में क्राइम ब्रांच ने जांच आगे बढ़ाई, तो पता चला कि यह सिम कार्ड फर्जी तरीके से मंत्री के पीए के नाम पर जारी कराया गया था. लेकिन वह नंबर उनका नहीं था.”
कड़ी से कड़ी जोड़ने पर पता चला कि आरोपी का नाम पुष्पेन्द्र त्यागी है. जिसकी लोकेशन भी ग्वालियर के डबरा में मिली. इसके बाद पुलिस और क्राइम ब्रांच ने तुरंत एक्शन लेते हुए आरोपी को धरदबोचा. आरोपी के पास से पुलिस को तमाम आधार कार्ड, 5 मोबाइल फोन और लगभग एक लाख की नकदी भी मिली है
पुलिस की जांच में चौंकाने वाला खुलासा
बहरहाल, केंद्रीय मंत्री का पीए बनकर जालसाजी करने वाला आरोपी अब पुलिस हिरासत में है. 8 अगस्त तक पुलिस की रिमांड पर रहेगा. इस दौरान पुलिस आरोपी से पूर्व में किए गए और भी मामलों के बारे में जानकारी लेने का प्रयास करेगी. वहीं ट्रांसफर के लिए आरोपी से मदद लेने वाले निरीक्षक स्तर के अधिकारी विनय यादव और पंकज त्यागी को डीजीपी द्वारा निलंबित कर दिया गया है.