PM Modi को मिले गिफ्ट खरीदने का सुनहरा मौका

PM Modi Birthday News:-ऐसा बताया जा रहा है की PM Modi प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर 17 सितंबर को मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 8 चीतों को छोड़ा जाने वाला है जिन्हें नामीबिया की राजधानी विंडहॉक से लाया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, 16 सितंबर को विंडहॉक से 8 चीते, जिनमें 5 मादा और 3 नर शामिल हैं. ये सभी चार्टेड विमान के जरिये भारत के लिए रवाना होने वाले है और 17 तारीख की सुबह जयपुर लैंड होंगे और वहां से हेलीकॉप्टर के जरिये कूनो नेशनल पार्क में इन्हे छोड़ा जाएगा.
swsभारत के PM Modi का जन्मदिन आगामी 17 सितंबर को मनाया जाने वाला है. इस मौके पर मोदी जी का उपहार देश के लिए ऐतिहासिक होने वाला है, क्योंकि 70 साल बाद देश में चीतों की वापसी होने जा रही है. बता दें कि साल 1952 में देश से चीता विलुप्त हो गया था और अब भारत की विरासत को दोबारा स्थापित करने के बारे में PM Modi जी प्रयास कर रहे है l
17 सितंबर यानी PM Modi के जन्मदिन के मौके पर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में 8 चीतों को छोड़ा जाएगा ऐसा सुने में आ रहा हैl जिन्हें नामीबिया की राजधानी विंडहॉक से लाया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, 16 सितंबर को विंडहॉक से 8 चीते जिनमें 5 मादा और 3 नर शामिल हैं. ये सभी चार्टेड विमान के जरिए भारत के लिए रवाना होंगे और 17 तारीख की सुबह जयपुर लैंड होंगे और वहां से हेलीकॉप्टर के जरिए उन्हें कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा.
आपको बता दें कि यह पहली बार है जब किसी मांसाहारी पशु को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप लाया जा रहा है. इस ऐतिहासिक कदम की सरहाना करते हुए पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि इससे पर्यावरण संतुलन को कायम रखने में आसानी होगी. नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से चीता लाने की तैयारी चल रही है. नामीबिया से करार के चलते शुरुआत में 8 चीतों को भारत लाया जाना है. वहीं दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते भारत आने वाले हैं. बता दें कि 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने नामीबिया से चीते लाने को लेकर हरी झंडी दे दी थी.
कूनो नेशनल पार्क में 17 सितंबर को अफ्रीका से चीते आते ही यहां के जंगल का ईको सिस्टम बदल जाएगा। यहां रहने वाले तेंदुए अपनी कैट प्रजाति के एक नए वन्यप्राणी से पहली बार मुखातिब होंगे। बिल्कुल उनकी जैसी शक्ल वाले ये चीते 70 साल बाद उनकी टेरेटरी में आ रहे हैं। आखिर बहुत कुछ बदलेगा जंगल में चीतों के आने के बाद
डॉ. सुदेश वाघमारे से पूछा कि तेंदुओं का क्या होगा? फिर कूनो पहुंचकर CCF उत्तम शर्मा से और अन्य अधिकारियों से भी ये सवाल पूछे गए की चितो का जंगल में आने के बाद होगा तो वाघमारे ने बताया कि जंगल में सबसे ताकतवर जानवर का ही राज चलता है। चीता तेंदुओं से ज्यादा शक्तिशाली और फुर्तीला है। 4 सेकंड में 80 किलोमीटर से ज्यादा की स्पीड पकड़ लेता है। 20 सेकंड में अपने शिकार को झपट्टा मारने का माद्दा रखता है।
और उन्होंने बताया की ,ये भी तय है कि तेंदुओं और चीतों के बीच शिकार को लेकर फाइट होगी, लेकिन दोनों की अपनी स्ट्रैटजी है। तेंदुआ शिकार को अपने साथ पेड़ पर ले जाकर इत्मिनान से खाता है, लेकिन चीता ऐसा नहीं करता।
PM Modi वाघमारे ने बताया है की चीता हफ्ते में एक बार ही शिकार करता है:-
चीते के शिकार के बारे में वाघमारे कहते हैं कि आमतौर पर चीता हफ्ते में एक बार ही शिकार करता है, इससे उसका काम चल जाता है। अपने शिकार को वो आमतौर पर एक बार में ही पूरा खाता है। ऐसा माना जाता है कि चीता अपने शिकार को छोड़कर नहीं जाता। सामान्य रूप से चीता ज्यादा ताकतवर माना जाता है, इसलिए उसके शिकार में किसी और की हिस्सेदारी भी नहीं होती है।
चीतों ने अगर भालू और भालू के बच्चो पर हमला किया तो:-
चीतों ने अगर भालू और भालू के बच्चो पर हमला किया तो ऐसा सवाल वाघमारे से पूछा गया था l फिलहाल कूनो में 139 से ज्यादा तेंदुए हैं। पिछले साल की गिनती में उनकी संख्या यही बताई गई है। इसके अलावा 100 से ज्यादा भालू भी हैं। वे भी जंगल के ताकतवर जानवरों में शामिल हैं, लेकिन वे शाकाहारी हैं। आमतौर पर फल और शहद के अलावा दीमक ही खाते हैं, ऐसे में भालू के साथ उनका सीधा संघर्ष नहीं है।
हां, यदि चीतों ने भालू या तेंदुओं के बच्चों पर हमला किया तो चीतों के लिए ये सभी मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। बच्चों पर हमला हुआ तो तेंदुए और भालू दोनों बहुत ही ताकतवर तरीके से चीतों को जवाब दे सकते हैं। चूंकि चीते लंबे अरसे बाद जंगल में आ रहे हैं, ऐसे में तेंदुओं और भालुओं को उनकी असली ताकत का अंदाजा भी तभी होगा कि जब वे उससे फाइट करेंगे। चीतों को जंगल में अपनी धाक जमाने के लिए ताकत तो दिखानी होगी, तभी तेंदुए और दूसरे जानवर ये मानेंगे कि वो उनसे भी ज्यादा शक्तिशाली है। और तभी बाकि जानवर उन्हें जंगल में रहे देंगेl