President: अब 11,200 किसानो को मिलेगा संपत्ति का अधिकार, राष्ट्रपति मुर्मू ने विधेयक को दी मंजूरी भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पंजाब सरकार द्वारा पारित किये गए उस विधेयक को कल गुरुवार को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत अब प्रदेश में 4,000 एकड़ से अधिक भूमि पर कब्जा रखने वाले 11,200 से अधिक किसानो को भूमि पर स्वामित्व का अधिकार देने का प्रावधान किया गया है.
अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में किया था यह प्रस्ताव पारित

President: पंजाब सरकार ने कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में इस विधेयक को पारित किया था जिसमे भोंदेदार, बुटेमार, डोहलीदार, इंसार मिआदी, मुकर्ररिदार, मुंधिमार, पनाही कदीम, सौंजीदार, या ताराद्दादकर विधेयक, 2020 पंजाब विधानसभा द्वारा 2020 में उस वक्त पारित किया गया था, जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी.
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगो के लिए है विधेयक
President: पंजाब सरकार द्वारा पारित किये गए इस विधेयक के अनुसार उचित मुआवजे का भुगतान करने के बाद 4,000 एकड़ से अधिक भूमि पर कब्जा रखने वाले 11,200 से अधिक किसानो को संपत्ति के अधिकार की अनुमति देता है. अब यह भूमि उन्ही किसानो की होगी जो इस पर कब्ज़ा करके खेती कर रहे है। अब कानून सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगो को ऐसी भूमि जोतने वालों को सशक्त करने में सहायता करेगा।
President: राष्ट्रपति मुर्मू किसानो को मिलेगा संपत्ति 11,200 का अधिकार,पढ़िए पूरी डिटेल
अन्य भूस्वामियों की तरह मिलेगा लाभ

President: राज्य में कई पीडियो से कब्ज़ा कर बैठे ये किसान जमीन पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी उत्तराधिकारी के तौर पर अपने अधिकार प्राप्त करते हैं. लेकिन वे अब तकउस जमीन के पंजीकृत मालिक नहीं थे, इसलिए उन्हें सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल प् रहा था लेकिन अब उन्हें अन्य भूस्वामियों की तरह सभी लाभ और सुविधाएं प्रदान की जाएगी।
तेलंगना में भी दी विधेयक को मंजूरी
President: राष्ट्रपति मुर्मू ने तेलंगाना के एक विधेयक को भी दी मंजूरी, जिसके अनुसार जो गंभीर अपराधों के मामलों में अदालत द्वारा तय की गई तारीख पर अभियुक्तों को पेश नहीं किया गया तो उसकी ज़मानत लेने वाले लोगों पर अब लगाया जायेगा जुर्माना.दंड प्रक्रिया तेलंगाना संशोधन विधेयक, 2020 में तेलंगाना की चंद्रशेखर राव सरकार द्वारा पारित किया गया था.
राज्य-स्तरीय सम्मेलन में आए सुझाव के बाद यह संशोधन पेश किया
President: साल 2016 में न्यायिक अधिकारियों द्वारा आयोजित एक राज्य-स्तरीय सम्मेलन में आए सुझाव के बाद यह संशोधन पेश किया गया था. जिस पर चर्चा कर अधिकारियों ने बताया कि कानून गंभीर अपराधों के मामलों में निजी जमनात लेने वाले व्यक्ति पर जुर्माना लगाने की अनुमति देता है, जो अदालत द्वारा तय की गई तारीख पर आरोपी को अदालत में पेश करने में विफल रहता है.