Thursday, March 30, 2023
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 Rakesh Jhunjhunwala अश्वथ और की बात हुई सच, कहा था, 41rs से ज्यादा नहीं है Zomato के Share वैल्यू

अश्वथ दामोदरन न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं और उन्हें अक्सर मूल्यांकन गुरु के रूप में जाना जाता है। जब Zomato ने पिछले साल 76 रुपये प्रति शेयर पर अपना प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लॉन्च किया, तो दामोदरन ने इसे “बहुत महंगा” कहा।

उन्होंने कहा था, ”मैंने इस शेयर के लिए जो वैल्यूएशन निकाला है वह करीब 39,400 करोड़ रुपये है. इस हिसाब से एक शेयर की कीमत करीब 41 रुपये आती है.” Zomato के शेयर आज 26 जुलाई को NSE पर 41.20 रुपये के स्तर तक गिर गए, जो दामोदरन द्वारा उद्धृत कीमत के बहुत करीब है। शेयर की कीमतें अपने अब तक के सबसे निचले स्तर से 76 फीसदी नीचे हैं।

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Zomato

इसी तरह Rakesh Jhunjhunwala और रामदेव अग्रवाल ने आईपीओ के समय जोमैटो के मूल्यांकन का सार्वजनिक रूप से मजाक उड़ाया था। हालांकि, शेयर बाजार ने उस समय उनके अनुमानों को नजरअंदाज कर दिया और बंपर लिस्टिंग के बाद शेयर 169 रुपये तक चढ़ गया। यह दामोदरन के घोषित मूल्य से लगभग चार गुना अधिक था। दामोदरन ने उस समय कहा था कि यह कीमत टिकाऊ नहीं है और जल्द ही गिर जाएगी।

यह भी ध्यान देने योग्य है कि हाल के दिनों में इसके शेयरों में भारी मात्रा और वितरण प्रतिशत बिकवाली देखी गई है। सोमवार, 25 जुलाई को इसकी डिलीवरी की मात्रा लगभग 40 प्रतिशत थी, जो पिछले महीने के औसत से दोगुने से अधिक है। 26 जुलाई को एनएसई पर डिलीवरी करीब 50 फीसदी थी। डिलीवरी वॉल्यूम में बढ़ोतरी से पता चलता है कि शेयरों में बिकवाली का दबाव मजबूत बना हुआ है।

Zomato के शेयर क्यों गिरे? (Why Zomato Shares Fall?):

Zomato में यह गिरावट उसके शुरुआती निवेशकों के लिए एक साल की लॉक-इन अवधि समाप्त होने के बाद आई है। इन निवेशकों के पास कंपनी के 78 फीसदी यानी करीब 613 करोड़ शेयर थे. इन निवेशकों के लिए एक साल का लॉक-इन पीरियड 23 जुलाई शनिवार को खत्म हो गया. इसके बाद से जोमैटो के शेयरों में जबरदस्त बिकवाली हो रही है.

क्या है लॉक इन पीरियड का नियम? (What is the rule of lock in period?):

लॉक-इन अवधि का नियम उन कंपनियों पर लागू होता है जिनके प्रमोटर नहीं होते हैं। Zomato भी ऐसी ही एक कंपनी है जिसमें प्रमोटर की होल्डिंग जीरो है। नियमों के अनुसार, जिस कंपनी में प्रमोटर नहीं होते हैं, आईपीओ से पहले कंपनी द्वारा रखी गई इक्विटी शेयर पूंजी शेयरों के आवंटन से एक साल के लिए लॉक हो जाती है। इस दौरान ये शेयरधारक अपने शेयरों का एक भी शेयर नहीं बेच सकते हैं।

जेफरीज को उम्मीद, Zomato का शेयर 100 रुपये तक जाएगा (Jefferies expects Zomato stock to go up to Rs 100):

विदेशी ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने जोमैटो के शेयरों को बाय रेटिंग देते हुए अपना टारगेट प्राइस 100 रुपये तय किया है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि खराब सेंटीमेंट के चलते खरीदारी का अच्छा मौका है। जेफरीज को उम्मीद है कि इस सेगमेंट की प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार होगा, इंडस्ट्री स्ट्रक्चर पहले से बेहतर होगा और कंपनी आने वाले दिनों में कैश की बचत कर सकेगी।

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