Saphala Ekadashi 2022: पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी की तिथि भगवान श्रीहरि को समर्पित की गई है। यही कारण है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन किए गए उपायों से व्यक्ति का सौभाग्य जागता है और उसके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।
इस बार सफला एकादशी 19 दिसंबर, 2022 (सोमवार) को आएगी। यह इस वर्ष की आखिरी एकादशी भी है। यदि इस दिन विधिवत भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी की पूजा की जाए तो निश्चित रूप से सभी संकट दूर हो जाएंगे। जानिए सफला एकादशी की तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि एवं एकादशी के उपायों के बारे में.
सफला एकादशी तिथि एवं पूजा के लिए शुभ मुहूर्त (Saphala Ekadashi 2022 Puja Muhurat)
NTA ने 2023-24 के लिए जारी किया परीक्षा का कैलेंडर; NEET UG 7 मई को, मई-जून में CUET
सफला एकादशी तिथि का आरंभ – 19 दिसंबर 2022 को सुबह 3.32 बजे
सफला एकादशी तिथि का समापन – 20 दिसंबर 2022 को सुबह 2.32 बजे
व्रत पारण करने का समय – 20 दिसंबर 2022 को सुबह 8.05 बजे से 9.16 बजे तक
पूजा के लिए मुहूर्त
Old Coin Sell: 25 पैसे का ये सिक्का है तो आप भी बन सकते है लखपति, जल्दी करें
पंचांग (Aaj ka Panchang) के अनुसार दिसंबर को सुबह 7.10 बजे से 8.29 बजे तक अमृत का चौघड़िया रहेगा। सुबह ही 9.47 बजे से 11.06 बजे तक शुभ का चौघड़िया रहेगा। दोपहर 3.01 बजे से सायं 5.37 बजे तक क्रमशः लाभ एवं अमृत का चौघड़िया रहेगा। इन चौघड़ियों में बिना कोई मुहूर्त देखे पूजा व अन्य धार्मिक कार्य किए जा सकते हैं।
ऐसे करें सफला एकादशी का व्रत (Saphala Ekadashi Vrat Rules)
सफला एकादशी का व्रत भी अन्य एकादशियों के समान ही होता है। सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें। भगवान विष्णु तथा मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें। उन्हें पुष्प, माला, धूप, दीपक आदि अर्पित करें। प्रसाद के रूप में फलाहार ही चढ़ाएं। इसी प्रसाद को स्वयं भी व्रत खोलने के बाद ग्रहण करें। एकादशी के व्रत के दौरान आपको कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। ये निम्न प्रकार हैं-
- सात्विक भोजन करें – व्रत वाले दिन पूर्णतया सात्विक भोजन करना चाहिए। मांस, मदिरा, अंडा, प्याज, लहसुन, मदिरा, भांग आदि का सेवन न करें। जहां तक हो सके, केवल फलाहार ही ग्रहण करें।
- चावल का सेवन न करें – शास्त्रों में एकादशी के दिन चावल खाने का स्पष्ट निषेध किया गया है। अतः इस दिन चावल या चावल से बनने वाली सभी चीजों से दूर रहें।
- पीले, केसरिया और हल्के रंग के कपड़ों का प्रयोग करें – एकादशी के व्रत वाले काले, भूरे, नीले, स्लेटी आदि गहरे रंग के कपड़ों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इनके स्थान पर पीले, केसरिया, नारंगी या दूसरे रंग के हल्के शेड्स के कपड़े पहनने चाहिए। भगवान विष्णु को भी इस दिन भोग में यथासंभव पीले रंग के फल व मिठाई ही अर्पित करें।