Saturday, June 3, 2023
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Sharad Purnima 2022: आज शरद पूर्णिमा के दिन कई शुभ संयोग मिल रहे हैं, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, जानिए पूजन विधि और महत्व

Sharad Purnima 2022: हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा हा जाता है और हिन्दू धर्म में इसका विशेष महत्व है। इस साल शरद पूर्णिमा आज यानी 9 अक्टूबर को पड़ रही है। (Sharad Purnima 2022 Date And Time) धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। पौराणिक कथा के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं और इसलिए इस दिन चंद्रमा के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं पूजा के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

Sharad Purnima 2022: कब है शरद पूर्णिमा, शुभ मुहूर्त और महत्व - Bhakti Gyaan

शरद पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त
शरद पूर्णिमा तिथि आज सुबह 3:41 बजे शुरू हो गई है और 10 अक्टूबर को 2.25 बजे तक चलेगी, शरद पूर्णिमा के दिन वर्धमान के साथ धुव्र योग बन रहा है, इसके साथ ही उत्तरभद्रा और रेवती नक्षत्र बन रहे हैं। इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.42 बजे से दोपहर 12.31 बजे तक रहेगा, जो पूजा के लिए बहुत ही शुभ होता है।

Sharad Purnima 2022: कब है शरद पूर्णिमा, शुभ मुहूर्त और महत्व - Bhakti Gyaan
Sharad Purnima 2022

Sharad Purnima 2022

शरद पूर्णिमा का महत्व
हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और पृथ्वी पर विशेष प्रकाश भेजता है, जिससे कई रोगों से मुक्ति भी मिलती है। इसके अलावा शरद पूर्णिमा के दिन समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं और इसलिए इस दिन उनकी पूजा की जाती है।

Sharad Purnima 2022

शरद पूर्णिमा पूजा विधि
शरद पूर्णिमा के दिन, कई लोग भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए उपवास भी रखते हैं। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके मंदिर में घी का दीपक जलाना चाहिए। शरद पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व है। यदि पवित्र नदी में स्नान करना संभव न हो तो नहाने के पानी में गंगाजल अवश्य मिलाएं। शरद पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन खीर का भोग लगाना शुभ माना जाता है। जो लोग व्रत रखते हैं वे रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोल सकते हैं।

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