Singrauli Samachar: हिन्दी दिवस के अवसर पर दिनांक 14 सितंबर, 2022 को दिल्ली पब्लिक स्कूल विंध्यनगर के प्रेक्षागृह में एक विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इस प्रार्थना सभा में विद्यालय के तृतीय, चतुर्थ व पंचम कक्षाओं के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। हिन्दी न केवल हमारे देश के अधिसंख्य लोगों की मातृभाषा है अपितु इसे राजभाषा होने का गौरव व सम्मान भी प्राप्त है।
Singrauli Samachar:राजभाषा हिन्दी के प्रति इसी सम्मान के प्रदर्शन हेतु इस विशेष प्रार्थना-सभा का आयोजन किया गया। प्रार्थना सभा के शुभारंभ में प्राचार्य डॉ0 जनार्दन पाण्डेय, प्रधानाध्यापक नवीन सिन्हा एवं प्रधानाध्यापिका श्रीमती मैरी जोस को विद्यार्थियों द्वारा पादप भेंट कर उनका स्वागत किया गया। तदोपरांत प्राचार्य द्वारा परमपिता परमेश्वर का स्मरण करते हुए हिन्दी में प्रार्थना का उद्बोधन किया गया। इसके पश्चात् सभा में क्रमश: राजभाषा के महत्व को दर्शाती विविध गतिविधियों का प्रस्तुतीकरण आरंभ हुआ।
Singrauli Samachar:सर्वप्रथम सभा में हिन्दी में सुविचार प्रस्तुत करने के उपरांत विद्यार्थियों द्वारा समाचार वाचन प्रस्तुत किया गया। इसके पश्चात् काव्य पाठ की प्रस्तुति की गई जिसे सुनकर सभी भाव-विभोर हो उठे। मंत्रमुग्ध कर देने वाली कविता के बाद इस दिवस की उपयोगिता व महत्व से संबंधित भाषण के उद्बोधन से सभी श्रोतागण लाभान्वित हुए। तदोपरांत हिन्दी के सुविख्यात कहानीकार मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी ‘पंच परमेश्वरÓ पर आधारित नाटिका का मंचन किया गया।
Singrauli Samachar:हिन्दी दिवस के अवसर पर DPSविंध्यनगर में हुई विशेष प्रार्थना सभा आयोजन किया गया
Singrauli Samachar:इस मंचन ने प्रेक्षागृह में उपस्थित सभी दर्शकगण का मन मोह लिया। नाटिका के मंचन के पश्चात् प्रश्न मंच की प्रस्तुति द्वारा राजभाषा हिन्दी से संबंधित अनेक ज्ञानवर्द्धक प्रश्न पूछे गए। विद्यार्थियों ने इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इसी क्रम में विद्यार्थियों द्वारा अंतिम प्रस्तुति के रूप में हिन्दी दिवस के महत्व से संबंधित नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसकी सभी ने मुक्त कंठ से सराहना की।

Singrauli Samachar:सभा के अंत में विद्यालय के प्राचार्य डॉ. जनार्दन पाण्डेय ने समस्त कार्यक्रमों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को इस सफल आयोजन पर बधाई दी। अपने आशीर्वचन में उन्होंने कहा कि हिन्दी न केवल हमारी राजभाषा है अपितु यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। यह राजभाषा हिन्दी का ही गौरव है कि वह पूरब से पश्चिम तक तथा उत्तर से दक्षिण तक देश को एकसूत्र में पिरोये रखने के महत्वपूर्ण दायित्व का निरंतर निर्वहन कर रही है। अत: यह प्रत्येक भारतवासी का कर्तव्य है कि वे अपनी राजभाषा के गौरव व सम्मान में निरंतर संवर्द्धन करते हुए देश के विकास को सुनिश्चित करने का अनवरत् प्रयास करते रहें।