सिंगरौली- जाम के झाम से निजात दिलाने में असफल रहे यातायात थाना प्रभारी

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कंबल ओढ़कर घी पी रहे साहब, मीडिया उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित

अनोखी आवाज़ सिंगरौली। दूर के ढोल सुहावन होते हैं..यह कहावत तो आप सब ने बखूबी सुनी होगी… यह इस समय चरितार्थ हो रही है यातायात थाना प्रभारी विद्यावारिध तिवारी पर, क्योंकि वे जब अन्य थानों में पदस्थ थे तो उनकी कार्य कुशलता और मीडिया से आपसी सौहाद्र की चर्चा हुआ करती थी ऐसे में जब उन्हें ट्रैफिक थाने की कमान मिली तो कयास लगाये जा रहे थे कि वर्षों से चली आ रही ट्रैफिक की बदहाली को पटरी पर लाएंगे लेकिन हुआ ठीक इसके विपरीत।

ना ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त हुई और न ही मीडिया से सौहाद्र बन सका। लिहाजा ट्रैफिक प्रभारी की कार्य प्रणाली से आम जनमानस में रोश व्याप्त होने लगा है; और अब उनकी चहुओर किरकिरी हो रही है। क्योंकि साहब ना तो थाने में बैठते हैं,और न ही किसी चौराहे पर दिखते हैं ऐसे में प्रभारी साहब कहां व्यस्त है यह तो वे जाने या तो भगवान।

सड़क चौराहो पर जाम,आम जनमानस परेशान

यातायात थाने की कमान विद्यावारिद तिवारी के संभालने के बाद आम जनमानस हैरान वह परेशान है। क्योंकि साहब का ट्रैफिक थाने में मन नहीं लग रहा है। और किसी मलाईदार थाने की जोर जुगाड़ में माननीय के चक्कर लगाने में पूरा दिन गुजर रहा है । वैसे तो साहब संपूर्ण जिले के यातायात के प्रभारी है लेकिन यहां तो उनके थाने के आसपास ही ट्रैफिक की व्यवस्था बदहाल है। वही चाहे बात करें माजन मोड़,काली मंदिर,तुलसी मार्ग,न्यायालय या अन्य स्थानों की आए दिन ट्रैफिक को लेकर लोग परेशान होते नजर आते है। लेकिन ट्रैफिक प्रभारी को यह सब न जाने क्यों नजर नहीं आता।

कंबल ओढ़कर देशी घी पी रहे साहब,अधीनस्थ पुलिसकर्मी भी परेशान

सिंगरौली यातायात प्रभारी विद्या वारिद तिवारी के बारे में आम सड़क चौराहा पर चर्चा है कि साहब कंबल ओढ़ कर देशी घी पी रहे हैं उनके इस कार्य प्रणाली से न सिर्फ आम जनमानस हैरान और परेशान है बल्कि अधीनस्थ पुलिसकर्मी भी अब खुलकर बगावत करने लगे हैं।

एक पुलिसकर्मी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि साहब का यहां मन नहीं लग रहा है, माननीय से निवेदन कर किसी अन्य थाने में स्थानांतरित करवाने की जुगाड़ में है। वही आम जनमानस में चर्चा तो यह भी है कि साहब कंबल ओढ़कर देशी घी का आनंद ले रहे हैं जिस कारण उन्हें शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भी दुरुस्त नजर आ रही है। लेकिन थाना प्रभारी को अपने चश्मे का नंबर बदलवाने अथवा चश्मा बदलने की जरूरत है। क्योंकि शहर की व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है। वही मीडिया कर्मियों ने उनके स्वास्थ्य को लेकर सलाह दी है कि ज्यादा घी हजम नहीं होगा।

संवाददाता- उत्तम दुबे

anokhiaawaj.in

अनोखी आवाज़ "यथा नाम,तथा गुण

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