sky blue: आसमान हमेशा लोगों के लिए आकर्षण का विषय रहता है। सरल भाषा में आसमान को शून्य भी कहते हैं। इसका सीधा सा अर्थ होता है जहां कुछ भी न हो। वैसे वैज्ञानिक रूप से आसमान का अपना कोई रंग नहीं होता है। एक रिपोर्ट के हिसाब से इसके पीछे सूर्य की रौशनी का योगदान होता है। सीधे तौर पर प्रकाश जिस तरह से धरती से संपर्क करता है। सरल शब्दों में कहें तो जब सूर्य का प्रकाश यानी रौशनी वायुमंडल में मौजूद गैसों से टकराता है तो इंद्रधनुष के सभी सातों रंगों (बैगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी, लाल) में बिखर जाता है.
sky blue: जानकारी के लिए बता दें कि ऐसा नहीं है कि आसमान हमेशा नीला ही दिखाई देता है आसमान लाल और गुलाबी रंग के भी दिखते हैं। इसके पीछे सूर्योदय और सूर्यास्त जैसी वजह है. लंदन में मार्च 2022 में धूल के बादलों के कारण आसमान नारंगी हो गया था। कई बार आसमान का रंग ऐसे ही असामान्य हो सकता है.
sky blue: अक्सर आसमान नीला ही क्यों दिखाई देता है, इसके पीछे कैसा साइंस है? जानें मुख्य वजह
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