Vaastu Shaastra: हमारे जीवन में अग्नि और पानी का बहुत महत्व है। वास्तुशास्त्र में पानी धन का प्रतीक माना जाता है। साथ ही वास्तु के अनुसार किसी भी घर की आर्थिक स्थिति कैसी है इसमें रसोईघर की भी विशेष भूमिका होती है। रसोईघर पर खाने के अलावा जीवन की महत्वपूर्ण बातें भी निर्भर करती हैं। चूंकि घर की गृहिणी का एक अच्छा समय रसोईकक्ष में बीतता है। इसलिए जरुरी है कि वहां का वातावरण और वास्तु भी काफी सकारात्मक होना चाहिए। वर्ना घर के वातावरण पर इसका सीधा असर पड़ता है। इसी आधार पर रसोईघर में लगने वाला पत्थर का भी वास्तु में विशेष महत्व है। किचन में हम प्लेटफार्म और फर्श पर पत्थर भी लगवाते हैं लेकिन क्या आपने सोचा है कि इस पत्थर या मार्बल का संबंध हमारी आर्थिक स्थिति से भी हो सकता है। वास्तु के अनुसार किचन के लिए पत्थर का चुनाव करते समय कुछ विशेष बातों का ख्याल रखना चाहिए। जिससे धनहानि और नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सकता है।

हम आपको बताएंगे कि रसोईघर का निर्माण करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।महिलाएं घर की लक्ष्मी होती हैं और किचन का घर का एक खास हिस्सा होता है इसलिए वहां सकारात्मक ऊर्जा का निवास करना अतिआवश्यक है।आमतौर पर लोग गंदगी से बचने के लिए किचन में प्लेटफॉर्म या फर्श पर काले रंग का ग्रेनाइट लगवाते हैं, लेकिन यह नुकसानदायक हो सकता है। अत: रसोईघर में काले रंग का पत्थर लगवाने से बचना चाहिए। वास्तुशास्त्र कहता है कि काले रंग के प्रयोग से किचन में नकारात्मक शक्ति का निवास हो जाता है। साथ ही घर में आर्थिक हानि होने की भी संभावना बढ़ जाती है।
अगर आप के घर में पहले से काले रंग का पत्थर लगा हुआ है तो आप इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए किचन में छोटे पौधे या आर्टिफिशियल पौधे या गमले रख सकते हैं। जिससे वहां का वातावरण सकारात्मक हो जाए।वास्तु के अनुसार किचन के पत्थर के रंग का प्रभाव महिलाओं के जीवन पर सबसे अधिक पड़ता है। जी हां उनके स्वभाव में इस कारण परिवर्तन आ सकता है। वह चिड़चिड़ी हो जाती हैं। उन्हें विश्राम के समय बेचैनी जैसी समस्या भी हो सकती है। किचन का वातावरण खुशनुमा बनाने के लिए वहां कपूर जलाना चाहिए। जिससे कैसा भी दुष्प्रभाव हो वह समाप्त हो जाए। रात को सोते समय किचन में कपूर जलाना चाहिए।
धन हानि
वास्तुशास्त्र के अनुसार किचन में घर की लक्ष्मी कार्य करती हैं इसलिए वहां का वातावरण एकदम अच्छा होना चाहिए। न सिर्फ काले रंग का पत्थर बल्कि कुछ अन्य बातों का ख्याल रखकर भी धन हानि से बचा जा सकता है। जैसे किचन में रखे जाने वाले दालें मसालों का खास ख्याल रखें। ज्यादा पुराना सामान का इस्तेमाल न करें। वरना नुकसान हो सकता है। रात को अक्सर कॉकरोच किचन में नजर आने लगते हैं, कहा जाता है कि यह एक तरह का इशारा है कि लक्ष्मी जी वहां से जाने वाली हैं या कोई समस्या आने वाली है। इसलिए इसकी रोकथाम करें। सफाई का विशेष ध्यान रखें। इस तरह की स्थिति में महिलाओं के हाथ में धन नहीं टिकता न ही बरकत होती है।
साफ-सफाई का विशेष रखें ध्यान
दोनों के लिहाज से शुभ है। किचन में कभी भी खुला खाना नहीं रखना चाहिए यह भी एक नकारात्मक असर डालता है। किचन में तवे का इस्तेमाल करने के बाद ठंडा होने पर उसको साफ कर देना चाहिए। वास्तु के अनुसार, झूठे तवे को इस्तेमाल करने से व्यापार में हानि होती है और कर्जा भी चढ़ता है।
माड्यूलर किचन की बात छोड़ दें तो सामान्यतया रसोईघर में छुरी,कांटे या नुकीली वस्तुएं बाहर ही रखी जाती हैं ताकि उन्हें ढूंढने में और काम करते वक्त आसानी रहे। वास्तु के अनुसार ऐसा करने से भी रसोईघर में नकारात्मक ऊर्जा आती हैं, घर के निवासियों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। किसी भी प्रकार की नुकीली वस्तु को किचन में कभी भी सामने खुला नहीं रखना चाहिए वरना परिवार में आर्थिक, सामाजिक कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं।
वैसे तो समय-समय पर किचन में साफ-सफाई करते ही रहना चाहिए क्योंकि वहां खाना बनता है। यदि गंदगी जमा होती रहेगी तो घर के सदस्य तरह-तरह की बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए किचन में लगने वाले जाले का सफाया समय समय पर करते रहना चाहिए वरना रसोईघर में बुरी शक्तियों का निवास हो सकता है। जाला लगना वैसे भी सुख-समृद्धि में बाधाकारक माना जाता है इसलिए अपने घर की सुख-शांति के लिए मकड़ी के जाले को किचन को हमेशा दूर ही रखें।
यदि रसोईघर में कोई नल लंबे समय से खराब पड़ा हो तो यह भी आपके दुखों का कारण हो सकता है। खराब नल को जितनी जल्दी हो सके ठीक करा लेना चाहिए वरना आपको बिजनस और नौकरी दोनों में नुकसान झेलना पड़ सकता है। साथ ही काफी पुरानी हो चुकी टोंटी या जंग नले नल को भी बदल लेना चाहिए वास्तु के अनुसार खराब नल के होने से घर में तनाव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।
किचन की दिशा
वास्तु के अनुसार रसोईघर में हमेशा खिड़कियां खुली रखनी चाहिए जिससे ताजी हवा आ सके। इससे वातावरण भी खुशनुमा रहता है। साथ ही खिड़की कुछ ऐसी दिशा में होनी चाहिए जिससे सूर्य की किरणें सीधी किचन पर पड़ें। सूर्य की किरणों से आने वाली सकारात्मक ऊर्जा से किचन से जुड़े वास्तुदोष कमजोर पड़ जाते हैं। बुरी ऊर्जा का प्रभाव भी कम होता है। ईशान दिशा छोड़कर कहीं भी रसोईघर बना सकते हैं। कभी भी सीढ़ियां रसोईघर के ऊपर नहीं होनी चाहिए। साथ ही शौचालय भी रसोईघर से दूर बनाना चाहिए वरना घर की महिलाएं परेशान रह सकती हैं।
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